खेल – मनोरंजन

सिर्फ अकादमी ही नहीं प्रशिक्षकों की भी आवश्यकता

सत्ता के 4 वर्ष: छत्तीसगढ़ में सरकार ने खेलकूद को लोकप्रिय बनाने का लगातार प्रयास किया

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के साथ ही प्रदेश के खेल संसार में कई बदलाव आये। अब तक छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश के प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करना पड़ता था। इसके बाद खिलाड़ी का चयन राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में होता था। इसी तरह खेल संघों के पदाधिकारियों का राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों से सीधा संपर्क हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए कुछ प्रयास किए। शतरंज और कैरम के अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन उनके कार्यकाल की बड़ी देन है लेकिन भारत में दिनों-दिन लोकप्रिय होते जा रहे क्रिकेट खेल के लिए एक सर्वसुविधायुक्त विशाल अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण की परिकल्पना और शुरुआत अजीत जोगी के कार्यकाल में हुई। 2003 से 2018 तक भारतीय जनता पार्टी का शासन छत्तीसगढ़ में रहा जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हाकी, क्रिकेट, टेनिस के कई अधिकृत अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन करवाया। राजनांदगांव व रायपुर में एस्ट्रोटर्फ सतह वाले मैदान का निर्माण उन्हीं के कार्यकाल की देन है।
वर्ल्ड हाकी लीग, इंडियन प्रीमियर लीग में क्रिकेट के मैच और इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन की स्पर्धा रायपुर मेें आयोजित करके प्रदेश को खेलकूद, पर्यटन के विश्व नक्शे में ला दिया। 2018 तक भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा रायपुर, राजनांदगांव में तीरंदाजी, व्हालीबाल, बास्केटबाल, कबड्डी, जूडो, फुटबाल आदि खेलों की अकादमी खोली गई। इस दौरान 2002, 2003, 2007, 2011, 2015 के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन विभिन्न शहरों में हुआ जिसमें प्रदेश की टीम ने भले ही बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं की परंतु प्राप्त पदकों की संख्या निरंतर बढ़ती गई। इस दौरान भारतीय ओलंपिक संघ की कमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वयं संभाल रखी थी।
छत्तीसगढ़ की जनता ने 2018 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को चुना और वह सत्ता में आ गई। मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल ने अपना कार्यकाल आरंभ किया। पिछले चार वर्षों में खेलकूद के माध्यम से नये खिलाड़ियों का चयन करके उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए एथलेटिक्स, हाकी, तीरंदाजी आदि की अकादमी खोली गई।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर में हाकी, फुटबाल, टेनिस, बैडमिंटन आदि के कई मैदान है। प्रदेश में नवनिर्मित इंडोर स्टेडियम की संख्या बढ़ी है इसमें राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच आयोजित किये जा सकते हैं। टेनिस का आधुनिक सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम और अकादमी खोली जा रही है। 36वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के स्केटिंग, बैडमिंटन, साफ्टबाल, मलखंब, कैनोइंग, कयाकिंग, तलवारबाजी आदि खेलों में हमारे प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक हासिल किया। इसमें धुर वनांचल और पिछड़े क्षेत्र नारायणपुर के वनवासी मलखंब के पुरुष व महिला टीम के सदस्यों का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा। कांग्रेस सरकार ने खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया इसकी गतिविधियों की कोई विशेष जानकारी मिलती नहीं है। अगर इसका नेतृत्व किसी वरिष्ठ खिलाड़ी या खेल प्रशाासक या खेल संघ के पदाधिकारी द्वारा होता तो अब तक अधिक सफलता मिलती।
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा स्वयं अच्छे खेल प्रशासक हैं भारत सरकार ने उनकी सेवाएं 2010 में दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेलों में लिया था। इसके अलावा ओलंपियन मुक्केबाज राजेंद्र प्रसाद, पद्मश्री/अर्जुन पुरस्कार विजेता पुलिस अधिकारी सबा अंजुम आदि की सेवाएं लेकर छत्तीसगढ़ में खेल वातावरण तैयार किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के गठन से लेकर अब तक प्रदेश ही नहीं भारत के महान हॉकी खिलाड़ी न्यायधानी बिलासपुर के पैदायशी छत्तीसगढ़िया लेस्ली क्लॉडियस जिन्हें ओलंपिक खेलों में हॉकी के 03 स्वर्ण 01 रजत पदक जीतने का गौरव हासिल है. उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है।
दुर्भाग्य की बात है कि राज्य में किसी खेल अकादमी या स्टेडियम का नामकरण उनके सम्मान में अब तक नहीं रखा गया है। इसी तरह पिछले 4 वर्षों के दौरान मुक्केबाजी, बैडमिंटन, टेनिस, शतरंज आदि की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कुछ प्रतियोगिताएं की। लेकिन अश्चार्य की बात है कि सर्वर्सुविधा होने के बाद हाकी, क्रिकेट की कोई अधिकृत अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा नहीं हुई।

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