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खेल – मनोरंजन

खेल भावना का परिचय देने से बनते हैं महान

विश्व एथलेटिक्स चैपियनशिप-2023, अनेक प्रतिभाएं उभरकर आईं,स्वागत है सबका

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनुष्य ईश्वर की रचना है। सभ्यता के आरंभ से ही अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के लिए मानव निरंतर कोशिश कर रहा है.क्षेत्र चाहे साहित्य, विज्ञान, कला, संगीत, शिक्षा आदि कुछ भी हो मनुष्य हर जगह प्रथम स्थान पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है। इसी तरह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में से एक खेलकूद का क्षेत्र भी है। खेल चाहे टीम का हो या एकल, युगल कोई भी प्रतिभागी हारना नहीं चाहता। इसी चाहत के कारण खेल की स्पर्धा काफी रोचक हो जाती है। एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएं प्राचीन ओलंपिक खेलों से लेकर आधुनिक खेलों तक सभी में शामिल रहा है। इसमें खिलाड़ी किसी ना किसी इवेंट में कुछ ना कुछ नया कर गुजरता है। यह खेल को ना सिर्फ लोकप्रिय बनाता है। बल्कि नये खिलाडिय़ों को कई चुनौती देता है। 1896 के एथेंस में संपन्न पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों में 100 मीटर की दौड़ को संयुक्त राज्य अमेरिका के थामस बर्क ने 12.0 सेकंड में जीता था जबकि 400 मी.की दौड़ के लिए उन्होंने 54.2 सेकंड का समय निकाला था। 200 मी. का रिकार्ड अमेरिका के बिल हालैंड का था उन्होंने 1900 के ओलंपिक खेलों में 24.0 सेकंड का समय लिया था। आज की स्थिति में 200 मी. का विश्व कीर्तिमान जमैका के महान धावक उसैन बोल्ट के नाम है जिन्होंने 19.30 सेकंड में इस दूरी को पार किया था। महिला वर्ग में 1948 के ओलंपिक खेलों में नीदरलैंडस की फेनी ब्लेंकर्स कोइन ने 24.3 सेकंड में यह दूरी तय की थी। आज विश्व रिकार्ड 21.34 सेकंड का है। जिसे अमेरिका की फ्लोरेंस ग्रिफिथ जायनर ने 1988 में बनाया था। 100 मी. का वल्र्ड रिकार्ड आज 9.58 सेकंड का उसैन बोल्ड के नाम है। महिला वर्ग का कीर्तिमान 10.49 सेकंड का फ्लोरेंस ग्रिफिथ जायनर के नाम है। 43.18 सेकंड के साथ 400मी.पुरुष वर्ग का कीर्तिमान माइकल जानसन के नाम है। साथ ही महिला वर्ग में 47.60 सेकंड का रिकार्ड महिला कोच के नाम है। इस प्रकार पिछले 120 वर्षों में उपलब्ध आंकड़ों का सिलसिलेवार अध्ययन करने से स्पष्ट हो जाता है कि खेलकूद सिर्फ जीत-हार के लिए नहीं होता इसके माध्यम से व्यक्ति, देश अपनी शक्ति अपनी प्रतिष्ठा को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा प्रतिभागियों में आपसी सद्भाव व प्रेम का संचार होता है। इसके कई उदाहरण खेल जगत के इतिहास पर डालने से मिल जायेंगे लेकिन 2023 के विश्व एथलेटिक्स चैपियनशिप में भी एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसमें दो महिला खिलाडिय़ों ने पदक से बढ़कर खेल भावना को साबित किया है। यह घटना महिला पोलवाल्ट इवेंट की है जब ओलंपिक चैंपियन अमेरिका की कैटी मून और आस्ट्रेलिया की नीना कैनेडी के बीच स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला हो रहा था। दोनों खिलाडिय़ों ने 4.90 मीटर की ऊंचाई पार कर लेने के बाद बराबरी पर थी। स्वर्ण पदक के लिए संघर्ष जारी था। अगला लक्ष्य 4.95 मीटर की ऊंचाई को पार करना था परंतु नियमानुसार दो घंंटे 10 मिनट के कठिन प्रयास के बाद भी दोनों ऐसा करने में असफल रही। इसके पश्चात ओलंपिक चैंपियन कैंटी ने खेल भावना का परिचय देते हुए स्वर्ण पदक को साझा करने का प्रस्ताव अपनी प्रतिद्वंद्वी के समक्ष रखा। यह क्षण दोनों खिलाडिय़ों के लिए कठिन था परंतु दोनों ने खेल भावना का परिचय देते हुए आपसी संघर्ष को समाप्त करने का फैसला लिया। खेल संसार में ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते। यहां तो कई खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागी एक दूसरे के कट्टर विरोधी या दुश्मन की भावना से मुकाबले में भाग लेते हैं। विश्व एथलेटिक्स स्पर्धा की यह घटना भले ही मीडिया में अधिक प्रचारित, प्रसारित नहीं हो सकी लेकिन ऐसी घटना आने वाली खेल पीढ़ी के लिए एक सबक है। खेल को सदैव खेल भावना की तरह लेना चाहिए और आपसी संबंधों को उसमें बाधा नहीं आने देना चाहिए।

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