हार्दिक को अभी सीखना होगा बहुत कुछ
भारतीय क्रिकेट टीम का वेस्टइंडीज दौरा- एक दिवसीय मुकाबले में 2-1 से विजयी
जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों वेस्टइंडीज के दौरे पर है। दो टेस्ट मैच की श्रृंखला में मेहमान मेजबान को 1-0 से परास्त किया। तीन एक दिवसीय मैचों में भारत ने दो में सफलता हासिल की जबकि एक में पराजय मिली। अब टी-20 मैच की श्रृंखला आरंभ होगी जिसमें 5 मैच खेले जायेंगे। टेस्ट मैच में भारत की बागडोर रोहित शर्मा के हाथों थी जबकि तीन एक दिवसीय मैच में हार्दिक पांड्या टीम के कप्तान थे। इंडियन प्रीमियर लीग भारत के युवा क्रिकेटर्स के लिए वरदान साबित हुआ है। एक समय 1990 से 2008 तक स्थिति यह होती थी कि क्रिकेट के तीनों प्रारूप टेस्ट मैच, 50 ओवर के एक दिवसीय और टी-20 में के लिए 17-18 खिलाड़ी चुने जाते थे। 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत के बाद तीनों प्रारूप में तीन या चार खिलाड़ी को ही भारतीय टीम में शामिल किया जाने लगा। अब यह परम्परा बन गई है कि प्रत्येक प्रारूप के अनुरूप अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को टीम में सम्मिलित किया जाने लगा। इस समीकरण के अनुसार वेस्टइंडीज में फिलहाल भ्रमणकारी भारतीय क्रिकेट टीम में भी खिलाड़ी शामिल किए गये हैं। टेस्ट के कप्तान रोहित शर्मा की जगह हार्दिक पांड्या एक दिवसीय और टी-20 टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। इसी तरह यशस्वी जायसवाल, अजिंक्या रहाणे, अश्विन, जयदेव उनादकाट, विक्रम राठौर आदि को एक दिवसीय में मौका नहीं मिला। एक दिवसीय में शुभमन गिल, कुलदीप यादव, मुकेश कुमार, सेमसन, सूर्यकुमार आदि को अवसर मिला। इस तरह बदलाव से नये उभरते हुए प्रतिभाओं को मौका मिला यह एक अच्छी बात है लेकिन दूसरे एकदिवसीय मैच में नये खिलाड़ी परिवर्तन की चपेट में आ गये और मुकाबला हार बैठे। वेस्टइंडीज टीम के लिए यह उत्साह का कारण बन गया। भारत में होने वाली विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए वेस्टइंडीज ने योग्यता हासिल नहीं की जिसकी वजह से वे बेहद निराश थे। 1975-1979 में एक दिवसीय मैचों की विश्व विजेता वेस्टइंडीज को भारत के विरूद्ध मिली यह सफलता उनके लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगी। भारत ने तीसरे एक दिवसीय मैच को जीतकर श्रृंखला अपने नाम कर ली है। दूसरे एक दिवसीय में पराजय को लेकर काफी विपरीत प्रतिक्रिया भारतीय क्रिकेट जगत से आई। हार-जीत अपनी जगह है लेकिन प्रतिष्ठा के अनुरूप खेल का प्रदर्शन करना अलग बात है। भारतीय टीम को एक अगस्त 2023 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा जारी एक दिवसीय मैच की रेकिंग में आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान के उपरांत तीसरा स्थान प्राप्त है जबकि वेस्टइंडीज की टीम अपने क्रिकेट जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजरते हुए दसवें स्थान पर काबिज है। दूसरे एक दिवसीय में असफलता ने कप्तान हार्दिक पांड्या के खिलाफ बोलने का रास्ता खोल दिया लेकिन अपनी गलती को छुपाने पांड्या ने वेस्टइंडीज क्रिकेट की व्यवस्था पर विपरीत टिप्पणी कर दिया। क्रिकेट वेस्टइंडीज द्वारा दौरा कर रही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए रुकने, भोजन, परिवहन आदि की जो इंतजाम किए गये हैं उससे नाराज होकर हार्दिक पांड्या ने खरी-खरी कह दी। वस्तुत: ऐसा नहीं होना था। इससे न सिर्फ दो क्रिकेट खेलने वाली टीमों, बल्कि दो देशों के आपसी राजनीतिक संबंधों पर फर्क पड़ता है। हार्दिक अभी-अभी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उन्हें खिलाड़ी भावना का परिचय देना था और सार्वजनिक बयानबाजी ना करके भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के समक्ष अपनी बात रखनी थी। हार्दिक जैसी प्रतिक्रिया इसके पहले भारतीय टीम के किसी कप्तान, खिलाड़ी ने शायद ही की होगी। अत: फील्ड में जीतने की रणनीति के साथ ही साथ मैदान के बाहर क्या बोलना चाहिए उन्हें अभी सीखने की जरूरत है।