छत्तीसगढ़

हितग्राहियों को प्रमाणपत्र बनाने ले रहे मोटी रकम

राजनांदगांव। दिल्ली की तर्ज पर भले ही छत्तीसगढ़ सरकार ने घर पहुंचकर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने का दावा कर रही हो लेकिन इसकी जमीनी हकीकत ठीक विपरीत है दैनिक उपयोग में आने वाले प्रमाणपत्रों की खुलेआम बोली लगाई जा रही है चाहे जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो चाहे विवाह सर्टिफिकेट या फिर मृत्यु प्रमाण पत्र सभी के लिए अपने रेट तय कर दिए गए हैं यह हाल है नगर निगम राजनांदगांव का जहां 300 से लेकर 500 तक हितग्राही को केवल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खर्च करने पड़ रहे हैं। नगर निगम राजनांदगांव में हितग्राहियों को जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र को लेकर मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है यहां प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत कर्मचारी हितग्राहियों से खुलेआम पैसों की डिमांड कर रहे हैं वही लोक सेवा केंद्र के जरिए भी इन प्रमाणपत्रों के बनाने को लेकर रैकेट काम कर रहा है लोक सेवा केंद्र में कार्यरत कर्मचारी नगर निगम के कर्मचारियों से सांठगांठ कर हितग्राहियों से मोटी रकम वसूल रहे हैं वही जब हितग्राही पैसे देने में असमर्थ हो रहा है तो निगम के कर्मचारी भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं कर्मचारियों के इस सांठगांठ रवैया के चलते हितग्राहियों को प्रमाण पत्र बनाने के लिए केवल चक्कर काटने पड़ रहे हैं बताया जा रहा है कि हितग्राही जब नगर निगम प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें नगर निगम के अधिकृत कर्मचारी लोक सेवा केंद्र भेज रहे हैं और फिर लोक सेवा केंद्र में तैनात कर्मचारी प्रमाण पत्र का रेट तय कर उन्हें तुरंत बनाने का आश्वासन देकर पैसे ले रहे हैं इस बीच अगर हितग्राही विरोध कर रहा है तो कर्मचारी उन्हें नियम कायदे में उलझा कर कभी चालान पटाने और कभी शपथ पत्र बनाकर लाने के लिए चक्कर कटवा रहे हैं ऐसी स्थिति में हितग्राहियों को ना तो प्रमाण पत्र मिल पा रहा है और ना ही सरकार के दावों पर भरोसा हो रहा है.
नगर निगम के कर्मचारियों और लोक सेवा केंद्र में तैनात कर्मचारियों के बीच गहरी सांठगांठ को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है रोजाना हजारों रुपए हितग्राहियों से खुलेआम लूट जा रहे हैं लेकिन अब तक बड़े अधिकारियों ने यहां पर झांक कर देखना भी मुनासिब नहीं समझा है शिकायतों की माने तो कई बार नोडल अधिकारी तक शिकायतें जाती है लेकिन यहां पर भी सांठगांठ के चलते शिकायतों का निराकरण नहीं हो पाता।
नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए रोजाना हितग्राहियों की लंबी लाइन लगती है इन हितग्राहियों से पैसे कैसे ऐठना है इसके लिए बकायदा एजेंट भी तैयार रहते हैं और एजेंटों ने कर्मचारियों से सांठगांठ भी की है यही कारण है कि चंद रुपए खर्च करने के बाद मिनटों में प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों की लंबी लाइन नगर निगम में मौजूद है लेकिन ऐसे मामलों को झांक कर देखने की इतनी फुर्सत नोडल अधिकारी को नहीं है यही कारण है कि अब तक लोग केवल पैसे खर्च कर अपना काम करवा रहे हैं.
अनुसूचित जाति प्रदेश मंत्री आशीष डोंगरे का कहना है कि नगर निगम में आम जनता का कोई काम नहीं हो पा रहा है हितग्राही लगातार भटक रहे हैं यहां तक कि कई मामलों में लोग सुसाइड भी कर रहे हैं इसके बावजूद भी निगम अफसरों और कर्मचारियों को सिर्फ कमीशन से मतलब है वही महापौर हेमा देशमुख की निष्क्रियता के चलते लोगों का काम नहीं हो पा रहा है।

मामले की जानकारी लेता हूं : कमिश्नर
इस मामले में नगर निगम कमिश्नर अभिषेक गुप्ता का कहना है कि वह पंजीयन शाखा से ऐसे मामलों की जानकारी मंगवा रहे मामलों की गंभीरता को देख कर कार्रवाई की जाएगी.

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