पंचायतों में कलमबंद हड़ताल पर बैठे सचिव कामकाज प्रभावित, लोगों की बढ़ी परेशानी
देवभोग । परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण की घोषणा नहीं किए जाने से आक्रोशित जिलेभर के पंचायत सचिव ग्राम पंचायतों में काम व कलम बंद कर हड़ताल पर बैठ गए है। हड़ताल से पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। जरूरतमंद ग्रामीणों के कई कार्य नहीं होने से उनकी परेशानियां बढ़ गई है। इधर पंचायत सचिव अपनी मांगे शीघ्र पूरा करने धरना स्थल पर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर 16 मार्च से जिलेभर के ग्राम पंचायतों में पदस्थ पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। सचिव अपनी मांगे पूरी कराने ग्राम पंचायतों के काम व कलम बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। देवभोग ब्लाक के सचिव सामुदायिक भवन के सामने बैनर-पोस्टर लगाकर हड़ताल पर बैठे हुए है। एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण करने की मांग कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा लंबे समय से मांगे पूरी नहीं करने से सचिवों में काफी आक्रोश है। देवभोग ब्लाक के पंचायत सचिव संघ अध्यक्ष सुकांत बेहेरा उपाध्यक्ष हस्ताराम यादव, ओम कश्यप, नेहरू सोनी, खामविलास ठाकुर आदि ने कहा कि जब तक शासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक वे ग्राम पंचायतों के सभी कार्यों का बहिष्कार कर हड़ताल पर डटे रहेंगे। एक भी काम व कलम नहीं चलाएंगे। ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों को बजट सत्र 2023-24 में शासकीयकरण करने पंचायत मंत्री ने आश्वासन दिया था, लेकिन बजट में पंचायत सचिवों का शासकीयकरण के संबंध में कोई पहल नहीं होने से उनमें आक्रोश है। 15 मार्च तक घोषणा करने सचिवों ने शासन को चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर नहीं है, ऐसे में सचिव अपनी मांगे पूरा कराने हड़ताल पर बैठ गए है। इसी तरह मैनपुर, गरियाबंद, छुरा और फिंगेश्वर ब्लाक के सचिव भी अपने-अपने ब्लाकों में हड़ताल पर बैठे हुए है।
पंचायतों में काम-काज ठप
ग्राम पंचायतों में सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से कई कामकाज ठप है। हड़ताली सचिवों ने बताया कि उनके हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायतों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी पूरी तरह से बंद है, जो राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना है। वहीं पंचायतों में पेंशन, मनरेगा, राशन कार्ड बनाने का काम, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत कई कार्य बंद है। इन कार्यों के नहीं होने से अब ग्रामीणों की दिक्कतें शुरू हो गई है। सचिवों ने शासन को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक हड़ताल पर डटे रहेंगे।