छत्तीसगढ़

तेंदूपत्ता बोनस वितरण में अनियमितता पर वन विभाग ने की सख्त कार्रवाई

सुकमा । वनमंत्री छत्तीसगढ़ शासन केदार कश्यप के निर्देशानुसार सुकमा वन मंडल के अंतर्गत वर्ष 2021 एवं 2022 के दौरान तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रदान किए जाने वाले बोनस वितरण में पाई गई अनियमितताओं के परिप्रेक्ष्य में 11 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों तथा उनके प्रबंधकों के विरुद्ध वन विभाग एवं जिला वनोपज सहकारी संघ, सुकमा द्वारा विधिसम्मत कार्रवाई की गई है। प्रारंभिक जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया है कि संग्राहकों को निर्धारित पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया तथा वितरण प्रक्रिया में गंभीर प्रक्रियागत त्रुटियाँ एवं अनियमितताएँ परिलक्षित हुई हैं।यह कार्रवाई शासन के निर्देशानुसार पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं संग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से की जा रही है।वर्ष 2021 एवं 2022 के तेंदूपत्ता संग्रहण के प्रतिफलस्वरूप कुल 7,82,83,959 की राशि बोनस वितरण हेतु स्वीकृत हुई थी, जिसमें से कुल ?1,77,76,116 का भुगतान संग्राहकों के संबंधित बैंक खातों में किया गया एवं ?5,74,71,986 राशि का नगद भुगतान की अनुमति दी गई थी। प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) वितरण के अंतर्गत नगद भुगतान के दौरान प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित, गोलापल्ली, कोंटा, पालाचलमा, किस्तराम, जग्गवरम, दुब्बाटोटा, बोडकेल, मिचिगुड़ा, जगरगुंडा, सुकमा तथा फूलबागड़ी समितियों में वितरण प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं परिलक्षित हुईं। विभाग द्वारा इन अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए तत्समय पदस्थ वनमंडलाधिकारी अशोक पटेल, भारतीय वन सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। संबंधित 11 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों एवं उनके प्रबंधकों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 के अंतर्गत समिति के अध्यक्षों, संचालक मंडल के सदस्यों तथा प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। निर्धारित अवधि में संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने के फलस्वरूप उक्त समितियों को विधिसम्मत भंग कर दिया गया एवं प्रबंधकों को कार्य से पृथक कर दिया गया है। तत्पश्चात, सभी 11 समितियों पर जिला वनोपज सहकारी संघ द्वारा विनिर्दिष्ट प्राधिकारी नियुक्त किए गए हैं।उक्त 11 समितियों में हुई अनियमितताओं की राशि का आंकलन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया प्रचलित नियमों के अंतर्गत निष्पक्ष रूप से संपादित की जा रही है। जांच पूर्ण होने के उपरांत संबंधित विवरण यथासमय साझा किया जाएगा।जांच प्रक्रिया के दौरान कुछ प्रबंधकों द्वारा प्रबंध संचालक, जिला वनोपज सहकारी संघ, सुकमा के खाते में कुल 56,30,421 की राशि जमा कराई गई है। उक्त राशि का वितरण हितग्राहियों के सत्यापन उपरांत शासन के आदेशानुसार संग्राहकों को वितरित किया जाएगा। साथ ही, संबंधित 11 समितियों के तत्कालीन पोषक अधिकारियों को वनमंडलाधिकारी, सुकमा द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनके विरुद्ध आगामी आवश्यक कार्रवाई प्रचलित नियमों एवं प्रक्रियाओं के अनुरूप की जाएगी।वन मंत्री केदार कश्यप ने इस संपूर्ण प्रकरण की गहनता से जांच कर दोषी पाए जाने वाले विभाग के अधिकारी, प्रबंधक एवं पोषक अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है ।

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