छत्तीसगढ़

एनडीआरएफ की टीम ने महादेव तालाब में बाढ़ आपदा बचाव का किया मॉक ड्रील

बीजापुर । केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार एनडीआरएफ की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आपदा नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत एनडीआरएफ की टीम द्वारा बीजापुर मुख्यालय में स्थित ऐतिहासिक महादेव सरोवर में सुबह नौ बजे से मॉक ड्रील का आयोजन किया गया। जिसमें बाढ़ में फसे लोगों के बचाव एवं सुरक्षा का जीवंत प्रस्तुतिकरण किया गया। मॉक ड्रील के अंतर्गत बाढ़ में फसे पीडि़त 9 लोगों द्वारा एनडीआरएफ कंट्रोल रुम को फोन करके बचाव दल को भेजने की अपील की गई। जिसमें कंट्रोल रुम को सूचना मिलते ही 3 टीमे टीम कमांडर के साथ लाईव बोट, लाईव जैकेट सहित आवश्यक डिवाईस के साथ बाढ़ बचाव के लिए निकले इसी दौरान एनडीआरएफ के टीम द्वारा सभी प्रमुख विभागों को सूचना दी गई कंट्रोल रुम द्वारा बताया गया। केवल 1 बोट भेजना, रिस्क रहता है इसलिए रिजर्व में दो बोट टीम कमांडर के साथ भेजा, टीम कमांडर और कंट्रोल रुम द्वारा बाढ़ में फंसे लोगों को जो कि काफी घबराहए हुए थे उनको हौसला बढ़ाते हुए उन तक पहुंचे जिसमें 8 लोगों को रेस्कयू किया गया। टीम कमांडर द्वारा कंट्रोल रुम को सूचना दी गई कि 4 लोग सामान्य है 2 लोगों को मामूली चोटे आयी है वहीं दो लोग बेहोश की हालत में है। बेहोशी की हालत में रहने वाले ग्रामीणों को अलग बोट से लाया गया। वहीं एक बोट बाढ़ में फस जाने के कारण कुछ देर में बोट पलट गई, टीम कमांडर के त्वरित रिमोट आपरेटेट लाईव बोट फेका जिसमें एक व्यक्ति किनारे पर पहुँच गया। उसमें एक और व्यक्ति की लापता होने की सूचना देने पर आटू बोट लगातार वहां पेट्रोलिंग कर रही थी। फिर भी लापता व्यक्ति नही दिखा, फिर डीप ड्राईवर को पानी में उतारने का परमिशन लेकर डीप ड्राईवर को पानी में उतारा गया जो कि जोखिम भरा कार्य रहता है। पूरी सावधानी के साथ डीप ड्राईवर पानी में उतरने के पश्चात भी लापता व्यक्ति का पता नही चल सका फिर पुन: डीप ड्राईवर का परमिशन लेते हुए पानी में उतारा गया जिससे लापता व्यक्ति का पता चल सका जो कि भारी मात्रा में पानी पी चुका था। स्ट्रेचर के मदद से उनको पानी से बाहर निकाला गया जहां मेडिकल टीम एम्बुलेंस आक्सीजन सहित स्वास्थ्य अमला पूरी तैयारी के साथ इंतजार कर रही थी फिर फेफड़े और पेट को पूश करके पानी निकाला गया। लगातार पल्स चेक किया गया फिर हायर मेडिकल केयर हेतु जिला अस्पताल रिफर किया गया। इसी तरह अन्य फंसे हुये ग्रामीणों को सुरक्षित जगह भेजा गया वहीं ईलाज की आवश्यकता वाले मरीजों की अस्पताल भेजा गया। तीनों टीम कमांडर द्वारा इंसीडेट कमांडर एवं कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा को बाढ़ की स्थिति के दौरान रेस्क्यू के बारे रिपोर्टिंग किया गया।
इसी दौरान एनडीआरएफ टीम के हेड गौरव जंगेटे ने घरेलू सामानों से लाईव डिवाइस बनाने की प्रक्रिया को भी समझाया कि लाईव जैकेट, लाईव बाय, एंटी बाटल के मदद से बनाने की तरकीब बतायी, इंट्रो वाइस फ्लोटिंग डिवाइस का प्रदर्शन तालाब के बीच में किया गया। आटो कमांडर ने बताया लाईव बाय से कैस बचाया जा सकता है। उसका डेमीस्ट्रेशन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, स्कूली बच्चों को बाढ़ से निपटने, घरेलू सामानों, डिब्बा, पानी बाटल, नारियल से लाईव डिवाईस बनाने की प्रक्रिया को बताया। कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा ने मॉक ड्रील की सराहना करते हुए कहा। बीजापुर जैसे बाढ़ प्रभावित क्ष़ेत्रों में लोगों में जागरुकता लाना जरुरी है जब तक बचाव दल नही पहुंचा हो तब तक इन चीजों का इस्तेमाल कर सुरक्षित रह सकते है। देश भर में एनडीआरएफ की टीम के कार्यो की सराहना की। विदित हो कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगरसेना के संयूक्त तत्वाधान में मॉक ड्रील का आयोजन हुआ। जिससे प्राकृतिक आपदा, भूंकप, बाढ़ आकाशीय बिजली से बचाव सहित विभिन्न आपदा के बारे में बताया एवं सुरक्षित रहने के लिए उपाय भी बताया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button