जन-जन तक पहुंचाने की सराहनीय पहल
विश्वकप हाकी ओडिशा 2023, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का इसे लोकप्रिय बनाने अभिनव प्रयास
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे देश में स्वतंत्रता के पूर्व हाकी,कबड्डी, फुटबाल, व्हालीबाल, टेनिस प्रमुख लोकप्रिय खेल थे। वैसे पारंपरिक खेल बड़ी संख्या में खेले जाते थे। उस समय खेलकूद प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से नहीं खेले जाते थे। धीरे- धीरे जब खेलों की प्रतियोगिताएं होने लगी तो इस दिशा में ध्यान दिया जाने लगा। खेल के मैदान का माप, आवश्यक खेल सामग्री, खेल तकनीक, खेलों के नियम आदि की जानकारी के साथ ही स्पर्धाओं में खेल व खिलाड़ियों का महत्व बढ़ गया है। हाकी में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में 1928,32,36,48, 52,56,64, और 1980 में स्वर्ण पदक जबकि फुटबाल में 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक में चौथा स्थान प्राप्त करना 1951 एशियाड में भारत का विजेता बनना बड़ी उपलब्धि रही। 1976 कनाडा ओलंपिक खेलों से हाकी की दुनिया में आमूलचूल परिवर्तन की शुरूआत हुई।
अब अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों के लिए कृत्रिम सतह अनिवार्य कर दिया गया। 1976 में भारतीय हाकी टीम ने पहली बार ओलंपिक खेलों में कोई पदक हासिल न कर पाने का खराब कीर्तिमान बनाया। भारतीय हाकी टीम ने 1971 में विश्वकप हाकी का रजत 1973 में कांस्य और 1975 में स्वर्ण पदक जीता। इसके पश्चात 2014-15 में रायपुर- छत्तीसगढ़ में संपन्न वर्ल्ड हाकी लीग में तथा 2016-17 भुवनेश्वर में कांस्य पदक जीता। एशियाई खेलों में हमारी टीम ने 1966.1998,2014 में स्वर्ण पदक जीता। 2020 के जापान ओलंपिक में पुरुष टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया। इस प्रकार हाकी में भारत का प्रदर्शन पिछले 40 वर्षों में साधारण ही रहा।
हमारे देश में हाकी की जो दुर्दशा हुई उसके लिए कोई नहीं इस खेल से जुड़े सभी पक्ष और राजनीतिक परिस्थितियां जिम्मेदार है। हाकी के कर्णधारों ने बदले हालात का ना तो जायजा लिया ना ही दूरदर्शिता से भी काम लिया। इसमें कमजोर आर्थिक मद की भूमिका से इंकार नहीं किया सकता। और जिस तरह की कोशिश 1980 के बाद के दशक से आरंभ कर दिया जाना चाहिए था उसे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने प्रदेश में करीब- करीब 2008 के आसपास आरंभ किया। हाकी के प्रति उनके लगाव का परिणाम यह है कि ओडिशा में पिछले 6 वर्षों के दौरान तीन प्रमुख विश्व हाकी चौंपियनशिप हो चुकी है। 2016-17 में भुवनेश्वर में वर्ल्ड हाकी लीग, 2018 में विश्वकप हो चुकी है। अब 2023 में भुवनेश्वर तथा राउरकेला में विश्वकप हाकी स्पर्धा 13 जनवरी से 29 जनवरी 2023 तक आयोजित होने जा रही है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के व्यक्तिगत मार्गदर्शन में भारत में हाकी को नया जीवन मिला है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जब तक किसी भी खेल का विश्व स्तरीय अधोसंरचना तैयार नहीं होगा, जब तक खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक उच्च स्तरीय सर्वसुविधा युक्त संस्थान नहीं होंगे तब तक खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने भारत के पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की को साथ लिया और हाकी खेल की बारिकियों को पकड़ा। वर्तमान युग में नवीन पटनायक को भारत के हाकी का प्रणेता स्वीकार किए जाने में कोई हिचक नहीं है। मैदान से बाहर निकलकर अब उन्होंने हाकी को घर-घर का खेल बनाने के लिए विश्व कप 2023 के अंतर्गत उद्घाटन का सीधा प्रसारण की व्यवस्था प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए किया है। एक नई पहल के साथ उसी दिन प्रत्येक पंचायत की ग्राम सभा बुलाई गई और प्रत्येक स्थान में बड़े पर्दे पर एलईडी या प्रोजेक्टर लगाया गया है ताकि लोग इस कार्यक्रम को लाइव देखकर जश्न बना सके। मुख्यमंत्री का यह अभिनव प्रयास है जिसकी सराहना हर किसी को करना चाहिए। हाकी के लिए भारत में नए युग की शुरूआत का स्वागत है।