प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन आवश्यक
हाकी विश्वकप-2023, भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 से 29 जनवरी तक होगा सम्पन्न
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
खेलकूद की दुनिया में एक दौर था जब भारत को हाकी और हाकी को भारत के रूप में जाना जाता था। समय बदला, परिस्थितियां बदली हाकी का खेल अपनी जगह है परंतु उसकी पहचान अब यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया के कई देशों से हो रही है। हाकी को पूरे संसार में लोकप्रिय करने हेतु 1971 से विश्व कप टूर्नामेंट का आरंभ हुआ। इसके पश्चात 2018 तक इसमें 14 संस्करण हो चुके हैं। इसका 15वां संस्करण भारत में आगामी 13 से 29 जनवरी तक सम्पन्न होने जा रहा है। इस बार यह प्रतियोगिता उड़ीसा राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के विशेष लगाव की वजह से इंटरनेशनल हाकी फेडरेशन के तत्वावधान में भुवनेश्वर के कलिंगा तथा राउरकेला के बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हाकी स्टेडियम में खेली जाएगी। इस स्पर्धा में मेजबान भारत सहित पांच महाद्वीप के 16 टीम को सम्मिलित किया गया है। इसमें 3 जून 2021 से आरंभ महाद्वीपीय चैंपियनशिप के आधार पर विभिन्न देशों की टीम को मुख्य स्पर्धा में भाग लेने की योग्यता हासिल हुई कोविड 19 विषाणु के संक्रमण की वजह से मुख्य प्रतियोगिता में चयन हेतु कठिनाई हुई लेकिन आखिरकार उसका हल निकाल लिया गया। 2023 के विश्व कप के लिए 16 टीम ने योग्यता हासिल की है। जिन्हें एबीसीडी चार ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप ए में आस्टेलिया (01), अर्जेंटीना (07), फ्रांस (12), दक्षिण अफ्रीका (14) ग्रुप बी में बेल्जियम (02), जर्मनी (04), दक्षिण कोरिया (10), जापान (16), ग्रुप सी में नीदरलैंड (03), न्यूजीलैंड (09), मलेशिया (11), चिली (22), ग्रुप डी में भारत (06), इंग्लैंड (05), स्पेन (08) तथा वेल्स (15) को मौका मिला है। इंटरनेशनल हाकी फेडरेशन के अंतर्गत 95 देशों के फेडरेशन को मान्यता दी गई है। 1971 से आरंभ पुरुष वर्ग की 14 विश्व कप में भारत ने 1975 में, पाकिस्तान ने 1971, 1978, 1982, 1994 में, नीदरलैंड्स ने 1973, 1990, 1998 में, आस्ट्रेलिया ने 2010, 2014, जर्मनी ने 2002, 2006 और बेल्जियम ने 2018 में कब्जा जमाया था। पुरुष विश्व कप हाकी भारत में 1982, 2010 तथा 2018 में, नीदरलैंड्स में 1973, 1998, 2014, स्पेन में 1971, मलेशिया में 1975, 2002, पाकिस्तान में 1990, अर्जेंटीना में 1978ं, इंग्लैंड में 1986ं, आस्ट्रेलिया में 1994, जर्मनी में 2006 में आयेाजित किया जा चुका है। इसमें भारतीय हाकी टीम ने अब तक तीन पदक 1975 में स्वर्ण, 1973 में रजत और 1971 में कांस्य पदक हासिल किया था। 2023 के वर्ल्डकप में भारतीय हाकी टीम से बड़ी उम्मीद की जा रही है। अपनी ही धरती, अपने ही प्रशंसकों के बीच भारतीय खिलाड़ियों को दमखम दिखाने का मौका मिला है। हालांकि पहले ही चक्र में इंग्लैंड (05) तथा स्पेन (08) की टीम से कड़ा मुकाबला होगा। भारतीय टीम का नेतृत्व डिफेंडर और पेनाल्टी कार्नर विशेषज्ञ ड्रेग फ्लेगर हरमीनप्रीत सिंह (164) कर चुके हैं। सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी गोलकीपर पीआर श्रीजेश हैं जिन्हें भारत की ओर से अब तक 274 मैच खेलने का अनुभव प्राप्त है इसी तरह टीम के अन्य सदस्यों में सबसे अधिक मैच (314) खेलने का श्रेय पूर्व कप्तान और मिड फील्डर मनप्रीत सिंह को है। इसके अलावा आकाशदीप सिंह (218), मंदीप सिंह (194), सुरेंदर सिंह (172), ललित उपाध्याय (133), वरुण कुमार (118), नीलकांत शर्मा (91), विवेक प्रसाद (90), कृष्ण पाठक (80), हार्दिक सिंह (84), जर्मनप्रीत सिंह (50), शमशेर सिंह (47), नीलम खेस (34), सुखजीत सिंह (16), अभिषेक (28) टीम में शामिल हैं। भारत की रेकिंग फिलहाल (06) है अत: इस टूर्नामेंट में आपसी सामंजस्य के साथ खेल दिखाना जरूरी है ताकि टीम अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन कर सके।