खेल – मनोरंजन

छत्तीसगढ़ की खेल नीति में हो सुविधाओं की बात

अब शासकीय विज्ञान महाविद्यालय में भी बनाया जा रहा है विश्वस्तरीय बैडमिंटन कोर्ट

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे देश के राज्यों, जिलों, तहसीलों आदि की सीमाओं में जब कभी भी भौगोलिक बदलाव होता है याने एक राज्य का दो या तीन हो जाना। एक जिले या तहसील का बंटवारा हो जाना आदि। अब यह बदलाव वास्तव में जमीनी हकीकत में लागू होता है तो जनता के सभी वर्ग में खुशहाली छा जाती है। नये राज्य, जिले, तहसील के गठन से उस भौगोलिक क्षेत्र के चारों तरफ सुनियोजित विकास होने से उसके निर्माण की सार्थकता साबित होती है। हम यहां पर खेलकूद से संबंधित अधोसंरचना के निर्माण, खिलाडिय़ों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण के तौर तरीके से संबंधित प्रगति की चर्चा कर रहे हैं। 22 वर्ष के युवा छत्तीसगढ़ राज्य में खेल से जुड़े राजनेताओं, खेल प्रशासकों, खेल अधिकारियों, खेल संघों के पास खेलकूद को लोकप्रिय बनाने, खेल को जन-जन तक पहुंचाने, विभिन्न खेलों हेतु खिलाडिय़ों की खोज, उनके प्रशिक्षण, खान-पान, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि के संबंध में कोई सटीक दिशा निर्देश आदि का या तो अभाव है या फिर वह फाइलों के नीचे कैद है। तभी तो रायपुर शहर के शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय परिसर में एक और अंतर्राष्ट्रीय मानक के बैडमिंटन कोर्ट के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए यह एक अच्छा प्रयास है परंतु जिस खेल वातावरण से हमारा देश गुजर रहा है उसके हिसाब से छत्तीसगढ़ में फिलहाल 84 लाख रुपये से अन्य किसी ओलंपिक खेल के कोर्ट, रिंग, बहुद्देशीय हाल आदि बनाया जा सकता था। इस विचार के द्वारा किसी भी पक्ष को निराश नहीं करना चाहता लेकिन समय की मांग को सामने रखना एक खेल पत्रकार के रूप में मेरा कर्तव्य है। आज रायपुर शहर में कम से कम 6-7 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन कोर्ट हंै। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों पेरिस 2024 में 28 कोर खेल और चार अतिरिक्त खेल शामिल है। कोर खेलों की बात करें तो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में जहां भारतीय टीम योग्यता हासिल नहीं कर पाती उनमें एक्वेटिक्स में 147 पदक, बास्केटबाल में 12, केनोइंग में 48, सायकलिंग में 66, फुटबाल 6, गोल्फ 6, जिमनास्टिक्स 54, हैंडबाल 6, जूडो 45, माडर्न पेंटाथलान 6, नौकायन में 42, रग्बी सेवन में 6, पाल नौकायान में 30, ताइक्वांडो में 24, टेबल टेनिस 15, ट्राईथलान 9, व्हालीबाल में 12 पदक दांव पर लगते हैं। उपरोक्त खेलों में से जिमनास्टिक्स 54, जूडो 45, ताइक्वांडो 24, भारोत्तोलन 30, कुश्ती 54 ये कुछ ऐसे खेल हैं जिनमें भारतीय खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। अत: छत्तीसगढ़ के खेल विभाग को अधिक सक्रिय व जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें सभी विभागों को एक पत्र द्वारा स्पष्ट कर देना चाहिए कि किसी भी विभाग को या संस्था को सीएसआर मद या अन्य किसी स्रोत से खेल को बढ़ावा देने के लिए राशि आबंटित किए जाने का प्रस्ताव आता है तो इसके पहले कि वे उस राशि का इस्तेमाल करें इसकी सूचना तत्काल खेल विभाग छत्तीसगढ़ शासन को देवें। उसके पश्चात खेल विभाग के अधिकारी सीएसआर से राशि आबंटित करने वाली कंपनी और लाभ/सुविधा प्राप्त करने वाली संस्था के प्रमुख आपस में बैठकर तय करेंगे कि सीएसआर की राशि का उपयोग आखिर किस खेल के लिए छत्तीसगढ़ के किस स्थान पर किया जायेगा। अब जबकि बैडमिंटन हाल के लिए सबकुछ तय हो चुका है तो भविष्य में अधिक पदक वाले खेलों को बढ़ावा देने की नीति लागू करके जूडो, ताइक्वांडो, कराते, सायकलिंग, मुक्केबाजी, स्केटिंग, कुश्ती, भारोत्तोलन जैसे खेलों के अधोसंरचना का निर्माण किया जाना चाहिए। अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि कुश्ती,भारोत्तोलन जैसे खेलों में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी बिना किसी विशेष सुविधा के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक ला रहे हैं तो उनकी सुविधा का ध्यान रखा जाना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button