2 सक्रिय ईनामी माओवादियों नेक्रूर विचारधारा से तंग आकर किया सरेंडर

बीजापुर । पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, पुलिस महानिरीक्षक केरिपु सीजी सेक्टर छ0ग0 रायपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज, उप पुलिस महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स बीजापुर सेक्टर के मार्ग दर्शन व पुलिस अधीक्षक बीजापुर के निर्देशन में जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, कोबरा व केरिपु बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से तथा छ0ग0 शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति साथ ही छ0ग0 शासन द्वारा चलाये जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य एवं बुरजी आरपीसी के जनताना सरकार अध्यक्ष कुल 02 ईनामी माओवादियों ने आज दिनांक 08/03/2025 को पुलिस उप महानिरीक्षक केरिपु बीजापुर श्री देवेन्द्र सिंह नेगी , पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेन्द्र कुमार यादव, कमांडेंट 199 केरिपु श्री आनंद कुमार, कमांडेंट 85वी वाहिनी केरिपु श्री सुनील कुमार राही, कमांडेंट 202 कोबरा श्री अमित कुमार, अति0पुलिस अधीक्षक नक्सल अभियान श्री मयंक गुर्जर, अति0पुलिस अधीक्षक श्री युलैण्डन यार्क, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स श्री सुदीप सरकार, उप पुलिस अधीक्षक श्री शरद कुमार जायसवाल के समक्ष आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पित माओवादियों के नाम/पदनाम-1.सुखराम फरसीक पिता पीडे फरसीक उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया निवासी कुरूष सरपंचपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर,पदनाम- गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, ईनाम 01.00 लाख रूपये, वर्ष 2006 से सक्रिय
2.पंडरू फरसीक पिता मेगा फरसीक जाति मुरिया निवासी कुरूष गायतापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, पदनाम- बुरजी आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष, ईनाम – 01.00 लाख रूपये, वर्ष 1997 से सक्रिय छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति नियद नेल्लानार के वृहत प्रचार-प्रसार, बड़े कैडर के माओवादियों के आत्ससमर्पण पश्चात सरकार द्वारा उनको दी जा रही विभिन्न सुविधाओं एवं पुनर्वास प्रक्रिया की सरलता से प्रभावित होकर दोनों माओवादी ने आत्मसमर्पण किया है। माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा। तेजी से बनती सड़कें, गांवों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है । संगठन के भीतर शोषण तथा क्रूर व्यवहार से बाहर निकलकर समाज के मुख्यधारा में लौटकर सामान्य पारिवारिक जीवन बिता सकते हैं। सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने एवं क्षेत्र में चलाये जा रहे आक्रामक अभियानों ने भी इन्हें संगठन छोडऩे के लिए प्रेरित किया है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे है। अपील :- माओवादी विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब सामान्य जन जीवन जीने के लिए पुलिस एवं सुरक्षा बलों के समक्ष किसी भी माध्यम से आकर आत्मसमर्पण करें एवं छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास योजना का लाभ उठाये।