खनिज विभाग की मौन सहमति से मुक्तिधाम में अवैध रूप से रेत डंप

दंतेवाड़ा । रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि जिला मुख्यालय से ही खुलेआम बड़े पैमाने पर रेत की चोरी हो रही है। रेत माफिया डंकनी नदी से रेत निकालकर मुक्तिधाम में डंप कर रहे हैं और वहां से टिप्परों में भरकर रेत पार कर रहे हैं। यह रेत दंतेश्वरी मंदिर के सामने स्थित एनीकट के ठीक नीचे डंकनी नदी से निकाली जा रही है। रेत निकालते वक्त कोई देख न ले, इसके लिए रात के अंधेरे में नदी से जेसीबी व पोकलेन लगाकर खुदाई की जाती है। रात में ही इसे मुक्तिधाम के बाउंड्रीवाल के भीतर चढ़ाकर डंप किया जाता है। इस अवैध कारोबार में खनिज विभाग की मौन सहमति है।
अवैध है रेत खदान-जिस जगह से रेत निकाला जा रहा है, वह अभी खदान घोषित नहीं हुआ है। इसके बावजूद गैर कानूनी रूप से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेत के इस अवैध कारोबार में सत्ताधारी भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ है। इसीलिए प्रशासन और खनिज विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। अवैध रूप से रेत उत्खनन कर सरकार को रोजाना लाखों रुपए की रॉयल्टी का चूना लगाया जा रहा है।
महंगे दाम में बेच रहे रेत-डंकनी नदी से बगैर पिट पास व रॉयल्टी के रेत निकालकर महंगे दामों में बेचा जा रहा है। रेत ठेकेदारो के स्थानीय निर्माण कार्यों के अलावा बचेली-किरंदुल तक भेजा जा रहा है। जिसके एवज में प्रति टिप्पर 15 से 15 हजार तक वसूला जा रहा है।
इस मामले में जब माइनिंग विभाग का पक्ष जानने माइनिंग अफसर दंतेवाड़ा छबीलेश्वर मौर्य से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और पता करके बताता हूं कहकर फोन रख दिए।
जब जिले के माइनिंग अफसर को ही ये नहीं पता कि जिस जगह से रेत का खनन 1 डंपिंग हो रहा है वो लीगल है या अनलीगल तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि माइनिंग विभाग किस तरह से यहां काम कर रही है। साफ और सीधे तौर पर गलत पर पर्दा ढकने का काम किया जा रहा है। उनके बातों से ऐसा प्रतीत होता है जैसे खनिज विभाग के इशारे पर जिले में इस तरीके से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन चलाया जा रहा है।