https://tarunchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2024/03/1-2.jpg
छत्तीसगढ़

अल्ट्रा मॉडर्न मशीनों से न्यूरोजेनिक बीमारियों के शोध में मिलेगी मदद

भिलाई । जीटी रिसर्च एंड हेल्थकेयर के डायरेक्टर एवं देश के मशहूर न्यूरो स्पाइनल सर्जन डॉ. राजन तिवारी ने कहा है कि भोगवादी और अनियमित लाइफ स्टाइल के इस दौर में न्यूरोजेनिक बीमारियां लगातार लोगों को परेशान कर रही हैं। उम्रदराज तो उम्रदराज, युवाओं तक में पीठ से लेकर गर्दन, कमर और हाथ-पैरों में दर्द, शरीर में झुनझुनाहट, ब्रेन स्ट्रोक आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बुजुर्गों से लेकर महिलाओं और युवाओं में न्यूरो स्पाइनल से सम्बंधित बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं। मरीजों की असावधानी के चलते कई बार ये बीमारियां क्रोनिक हो जाती हैं और आगे चलकर परेशानी का कारण बनती हैं। इन्हीं वजहों से भिलाई में जीटी रिसर्च एंड हेल्थ केयर की स्थापना की गयी है जहाँ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस पॉली क्लिनिक में पैथोलॉजी एवं डायग्नोस्टिक सेंटर भी होगा।
तरुण छत्तीसगढ़ से अनौपचारिक चर्चा करते हुए डॉ. राजन तिवारी ने बताया कि जीटी रिसर्च एंड हेल्थकेयर में टेस्ला एमआरआई मशीन, स्कैन एवं पैथोलॉजी सेंटर के साथ ही लेबोरेटरी सिस्टम को हाईटेक बनाया जा रहा है। ये अत्याधुनिक मशीनें छत्तीसगढ़ में वन ऑफ़ द बेस्ट होंगी। टेस्ला की मॉडर्न एमआरआई मशीन ऐसी है जिससे अन्य मशीनों के मुकाबले दोगुनी गुणवत्ता की और बहुत कम समय में जांच हो जाएगी। यह न्यूरोलॉजिक इमेजिंग के क्षेत्र में क्रांति है। यह एमआरआई मशीन परिवेश का अनुभव अधिक स्थान और प्रकाश की भावना पैदा करके क्लौस्ट्रफ़ोबिया को कम करती है। न्यूरो आघात (ट्रॉमा) की देखभाल से निपटने के लिए यह अत्याधुनिक सुविधाओं वाला प्रदेश में अपनी तरह का ऐसा अस्पताल है जहाँ सारी सुविधाएं मौजूद होंगी। डॉ. तिवारी ने बताया कि जीटी रिसर्च एंड हेल्थकेयर में जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्येन ज्ञानी के साथ ही फिजियोथेरेपी की विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा की भी सेवाएं मिलेंगी जिससे मरीजों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि यहाँ की पैथोलॉजी विभाग को मजबूत करने के लिए लेबोरेटरी को हाईटेक किया जा रहा है। मोस्ट एडवांस मशीनों से मरीजों का इलाज आसान और खर्च कम होगा। भिलाई ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में यह अपनी तरह का अनूठा ऑर्गनाइज़्ड एंड मॉडर्नाइज़्ड रिसर्च और हेल्थकेयर हॉस्पिटल होगा। उन्होंने कहा कि अर्बन के साथ ही रूरल क्षेत्र में भी ब्रेन स्ट्रोक, याददाश्त में कमी, हाथ-पैरों, कमर-घुटनों में दर्द के केसेस बढ़ रहे हैं इसलिए हमें ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस किया है। अक्सर देखा गया है कि मरीज सही मार्गदर्शन के आभाव में सफर करता है तो हम कम खर्च में मरीजों को सही रास्ता दिखा रहे हैं। ज्ञात हो कि डॉ राजन तिवारी ऐसे सीनियर स्पाइनल सर्जन हैं जिनने वर्ष 2000 में भिलाई में न्यूरो सर्जरी की शुरुआत की। उनने चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जरी को बड़ा माइलेज दिया और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को देश-दुनिया में प्रसिद्धि दी। उन्होंने बेबाक कहा कि दर्द से छटपटाते और कराहते मरीज को स्वस्थ और मस्त कर उन्हें जो खुशी मिलती है वह किसी और चीज में नहीं। इसी में उनकी टीम दिन-रात मेहनत कर रही है।

Related Articles

Back to top button