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छत्तीसगढ़

बालवाडी सजाने से प्रधानपाठको के हाथ फिर रह गए खाली

पत्थलगांव । शासकीय स्कूलों में ंजैसे ही बालवाडी सजाने के नाम पर प्रधानपाठको के खाते मे शासन की ओर से रूपये जमा हुये वैसे ही बी.आर.सी.सी कार्यालय में बैठे जिम्मेदार लोग अपने पद की गरिमा भूलकर ठेकेदारी करने मे उतर आये। प्रधानपाठक बालवाडी सजाने के काम से एक बार फिर अछुते रह गये,उनके खाते में रूपये जरूर आये,परंतु उसका लाभ बी.आर.सी.सी कार्यालय मे बैठे जिम्मेदार लोग ठेकेदार बनकर उठा रहे है,इस बात से प्रधानपाठक काफी आहत हुये है,उनके द्वारा बी.आर.सी.सी कार्यालय के जिम्मेदार लोगो की खुलकर शिकायत की जा रही है,परंतु सामने आकर बोलने से वे हिचक रहे है। उनका कहना है कि बी.आर.सी.सी कार्यालय में बैठे जिम्मेदार लोग जिले के अधिकारियों के नाम पर दबाव बनाकर उनके हक का काम अपने द्वारा निर्धारित किये पेंटरो से करा रहे है। प्रधानपाठको का कहना है कि स्कूलो मे जहा बालवाडी का काम घटिया स्तर का हो रहा है,वही पंद्रह हजार रूपये की राशि मे कई हिस्सेदार बन बैठे है,उन्होने दबि जुबान बताया कि पांच हजार रूपये की राशि का कार्य कराकर पांच हजार रूपये बी.आर.सी.सी कार्यालय के जिम्मेदार लोगो के अलावा पांच हजार रूपये की वसूली जिले के अधिकारीयों के नाम पर की जा रही है,इसके लिए बी.आर.सी.सी के जिम्मेदार लोगों द्वारा प्रधानपाठको पर जिले के अधिकारीयों के नाम का दबाव बनाया जा रहा है। प्रधानपाठक इस बात की शिकायत दबि जुबान कर तो रहे है परंतु अपने उच्च अधिकारीयों का नाम सामने आने पर वे खुलकर बोलने से हिचकिचा भी रहे है।।
जाबो बालवाडी बढाबो शिक्षा के गाडी-:छ.ग. की भूपेश सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति के तहत पांच से छ: वर्ष की आयु तक के बच्चो के लिए बालवाडी नामक महत्वकांक्षी योजना की शुरूवात की गयी है,परंतु जिम्मेदार लोगो के लालच की वजह से जशपुर जिले मे यह योजना सरकार के मुंह पर कालिक पोतने का काम कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार छ.ग. सरकार द्वारा 5173 बालवाडी के साथ इस योजना की शुरूवात की है,जिसमे बच्चो के सिखने एवं समझने की क्षमता का विकास किया जाना है,फिलहाल इस योजना के तहत स्कूल परिसर मे स्थित आंगनबाडियों को बालवाडी मे तब्दील किया जा रहा है। शासन की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत ब्लाक के 103 स्कूलो मे बालवाडी बनायी जानी है,परंतु बालवाडी की शुरूवात मे ही जिम्मेदार लोगो द्वारा अपने फायदे के लिए शासन की मंशा पर धूल झोंकने का काम शुरू कर दिया गया है।।
नही रुक रही ठेकेदारी प्रथा- शासकीय स्कूल के प्रधानपाठक लंबे समय से शिक्षा विभाग मे बैठे अधिकारीयों के लालच का शिकार हो रहे है,जिसका खामियाजा उन्हे घटिया कार्य की बदौलत भुगतना पडता है,बालवाडी सजाने का काम के लिए प्रधानपाठक के रूपयो का बी.आर.सी.सी के जिम्मेदार लोगो द्वारा गलत तरीके से इस्तेमाल करने की यह कोई पहली घटना नही है,इससे पूर्व भी प्रधानपाठको के खाते मे अनुदान राशि आते ही बी.आर.सी.सी मे बैठे जिम्मेदार लोग ठेकेदार बनकर प्रधानपाठको के हक पर डाका डालने का काम शुरू कर दिये थे,उस दौरान भी प्रधानपाठको की शिकायत मे कुछ जिम्मेदार लोगो पर कार्यवाही की गाज गिरी थी। अब फिर ऐसा ही मामला बी.आर.सी.सी कार्यालय से उठने के बाद प्रधानपाठक जांच के साथ-साथ दोषियो पर कार्यवाही की मांग कर रहे है,अब देखना है कि जिले मे बैठे अधिकारीयों के नाम पर बनाया जा रहा दबाव की कडी मे किस जिम्मेदार पर कार्यवाही की गाज गिरती है।।
दो सरकार को लगा रहे चूना-:बी.आर.सी.सी की ओर से निर्धारित किये गये पेंटरो द्वारा स्कूल के प्रधानपाठको को पंद्रह हजार रूपये के बिल थमाये जा रहे है,प्रधानपाठक बगैर जी.एस.टी के बिल पर भी आपत्ति दर्ज किये है। उनका कहना था कि बी.आर.सी.सी कार्यालय से मिलीभगत कर घटिया कार्य करने वाले पेंटर बगैर जी.एस.टी. का बिल देकर केन्द्र एवं राज्य सरकार के राजस्व की चोरी करते हुये दोनो सरकार को चुना लगाने का कार्य कर रहे है।
प्रधानपाठको का कहना है कि बी.आर.सी.सी कार्यालय के दबाव मे आकर उनके द्वारा पंद्रह हजार रूपये के बगैर जी.एस.टी.वाले बिल लेकर भुगतान कर दिया जायेगा,परंतु आगामी समय मे होने वाले ऑडिट के दौरान ये बिल उनके गले का फांस बन सकते है।।
-मामले की जांच करायी जायेगी,दोषी पाये जाने पर कार्रवाई होगी।
डॉ रवि मित्तल-कलेक्टर-जशपुर

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