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छत्तीसगढ़

भूमकाल दिवस पर गूंजा हमारे गांव में हम ही सरकार का नारा

मंगल कुंजाम
किरंदुल । भूमकाल दिवस का आयोजन बैलाडीला के किरंदुल फुटबॉल ग्राउंड में सुकमा बीजापुर दंतेवाड़ा अंदरूनी गांव के हजारों ग्रामीणों के द्वारा जल जंगल जमीन हमारा है, पेसा कानून अमल करो, मावा नाटे मावा राज का नारा लगाते हुए पूरे शहर में रैली भ्रमण कर आम आम सभा फुटबॉल ग्राउंड में किया गया , इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित भारत जन आंदोलन के साथी विजय भाई ने गांव सरकार जिला सरकार को सशक्त खड़ा करने और पेशा कानून की मूल धारणा को अलग कर जो नियम लागू किया गया है उसे सांसोधन करते हुए चाहे केंद्र सरकार हो चाहे राज्य सरकार हो समझने की जरूरत है विजय भाई ने आगे बताया की छत्तीसगढ़ का भौगोलिक क्षेत्र पर एक नजर डाले तो समझ में आएगा कि 61 प्रतिशत हिस्से पर पांचवी अनुसूची क्षेत्र राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित है । अर्थात केवल 40त्न हिस्सा ही सामान्य क्षेत्र है ,इसका मतलब 61त्न भूभाग पर छत्तीसगढ़ में आदिवासी स्वशासन की बात पूर्ण तरीके से की जा सकती है ,इस प्रदेश में कुल 44 प्रतिशत भूमि पर जंगल है आप सबको जानकार ताज्जुब होगा कि, इसमें से पूरा 80त्न जंगल पांचवी अनुसूची क्षेत्रों के अंतर्गत आता है इसका मतलब यह निकलता है कि छत्तीसगढ़ में केवल 20त्न ही जंगल ऐसा है जो पांचवी अनुसूचित क्षेत्र से बाहर का है ,इस आंकड़े को गौर करते हुए यदि स्वशासन की रणनीति की बात करेंगे तो सीधे-सीधे राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में ही जल जंगल जमीन समाहित है जिससे छत्तीसगढ़ राज्य चल रहा है। क्या हम इसके लिये
गांव सरकार ग्रामसभा सशक्त खड़ा करने की आवश्यकता है जब तक इसका इंप्लीमेंटेशन नहीं होगा तब तक सरकारे हमारी जल जंगल जमीन को लूटने का काम करेगी , भूमकाल आंदोलन केवल आज आदिवासियों के द्वारा ही मनाया जाता है लेकिन बस्तर के हर मूलनिवासी को समझने की आवश्यकता है यह आंदोलन बस्तर में रहने वाले हर एक वर्ग के लिए भूमकाल आंदोलन लड़ा गया था आज उसका 113 वी वर्ष स्थापना शहीद दिवस के रूप में मनाया जा रहा है ,बस्तर में रहने वाले हर एक वेक्ति को समझने की जरूरत भूमकाल आंदोलन बस्तर में रहने वाले हर वर्ग को बचाने के लिए लड़ा गया था हर एक यहां के मूलनिवासी वर्ग से उसका एक लीडर हुआ करता था हमे समझने की आवश्यकता है भूमकाल आंदोलन को और आगे भी सारे वर्ग के लोगो को एक मंच में आकर सोचने की आवश्यकता है तभी हम आगे की लड़ाई बेहतर लड़ सकते है ! बस्तर में हो रहे नरसंहार के विरोध में जन आन्दोल कर रहे अलग अलग मंच के लोगो के द्वारा अपनी बात रखते हुए कहे की बस्तर में लगतार बिना ग्राम सभा अनुमति के गांवों में सैनिकरण कैम्प स्थपित किया जा रहा है और लगतार इलाके में एयर स्ट्राइक कर गांव में हमला कर रहे है अंदरूनी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों का जीवन मे एक डर का माहौल है इस तरह जानता पर हमला कर सरकार हमारी जमीनों को अधिग्रहण कर उद्योगपतिओ का सौपने का साजिश चला रही है दंतेवाड़ा ,सुकमा ,बीजापुर में अलग अलग बहुत से आंदोलन पुलिस कैम्प के विरोध में किया जा रहा है लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नही है इस आयोजन में शामिल अलग अलग मंच से जननाट्य मंडली के द्वारा अलग अलग गीत और नाटक के माध्यम से सरकार कैसे जल जंगल जमीन को लूटने का साजिश कर रही है उस संबंध में लोगों के सामने अपनी प्रस्तुति दिए और आयोजन समिति के द्वारा 8 सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया ।

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