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किसान ने आधुनिक तकनीक अपनाई तो खेती में उसकी कमाई हो गयी दोगुनी

पत्थलगांव। पानी की कमी को देखते हुये क्षेत्र के कुछ कृषक डीप पद्धति का सहारा लेकर खेती किसानी का काम कर रहे है,इस काम से जहा इन्हे कम पानी मे अच्छी पैदावार मिल रही है,वही ये गरीबी से खुशहाली की ओर से भी बढने लगे है,गाला के भरत देहरी,अटल भोय पांच सालो के अंतराल मे अपना सुखमय जीवन व्यतीत करने लगे है,उनका कहना था कि खेती किसानी की नयी तकनीक जानने के बाद उनके जीवन मे खुशहाली आनी शुरू हो गयी थी,इससे पहले ये पुराने माध्यम से अपने खेत व बागानो को सिंचित करने के लिए मौसम की बारिश पर निर्भर रहा करते थे,परंतु कुंअे के कम पानी मे ड्रीप पद्धति अपनाकर अब ये किसान एक खुशहाल जीवन जीने लगे है। दरअसल पिछले कई सालो से गाला मे रहने वाला भरत देहरी,अटल भोय अपने खेतो मे गन्ना,बंदगोभी,फूल गोभी,बरबटटी,खीरा,सरसो,टमाटर की पैदावार कर रहे है,परंतु पुराने समय मे उन्हे खेती कर बहुत अधिक लाभ नही मिल सका। अब वे ड्रीप पद्धति से खेती कर अधिक लाभ ले रहे है। उन्होने बताया कि इस पद्धति से उनकी आय मे दो गुनी वृद्धि हो चुकी है। ये पहले जहा अपने खेतो मे पच्चीस से पचास क्विंटल गन्ने की पैदावार कर रहे थे,अब वह पैदावार बढकर टनो मे पहुंच गयी है,उसके अलावा उन्होने अपने खेतो मे सरसो,फूलगोभी,बंद गोभी,टमाटर,खीरा की भी पैदावार कर रखी है,ये अपने खेतो को कृषि की नयी तकनीक से विकसित किये है।। व्हाईट हाउस का निर्माण-:भरत देहरी,अटल भोय अपने खेतो मे व्हाईट हाउस का निर्माण किये है,जिसके कारण उनकी पैदावार को कीटो के प्रकोप से किसी प्रकार का खतरा नही रहता। उनके खेतो मे बनाये व्हाईट हाउस फसल को जरूरत के मुताबिक धूप एवं वर्षा देते है,जिससे पैदावार मौसम अनुकूलित होकर नुकसान नही उठाना पडता,इस संबंध मे भरत देहरी का कहना था कि पुराने संसाधनो से खेती व सब्जीयों की पैदावार करना कठिन काम था,परंतु अब के नये संसाधन जहा खेती के काम मे सुविधा जनक है,वही इनका उपयोग कर फसल की पैदावार भी बढ गयी है।। दस सालो में चार गुना हुयी आय-:गाला के कृषक अटल भोय का कहना था कि पिछले पांच सालो मे उनकी आय मे चार गुना वृद्धि हुयी है,ये अब अपने खेतो मे मौसम आधारित प्रत्येक प्रकार की सब्जीयों का उत्पादन कर रहे है,उनके द्वारा अब खेत मे उगायी सब्जीयों को दूसरे राज्यो मे भी सप्लाई किया जा रहा है। उनका कहना था कि आज से कुछ वर्ष पूर्व ये महिने मेे पांच से दस हजार रूपया सब्जीयां बेचकर कमाया करते थे,परंतु अब ये आय कई गुना बढ चुकी है,वर्तमान मौसम के अनुसार इस समय उनके खेतो मे फूल गोभी,खीरा,कक्कडी,टमाटर की फसल लगायी गयी है।

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