भारत में 2036 के ओलंपिक खेल होने की बढ़ी संभावना
अहमदाबाद ने 2026 में राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन के लिए ठोका दावा
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले नौ वर्षों के कार्यकाल में यह बात देखने में आई है कि खेलकूद में भारत को विश्व मंच में स्थापित करने के लिए वे लगातार व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रहे हैं। भारत के बच्चों, किशोरों तथा युवाओं के अंदर की क्षमता का उन्हें अनुमान है। 142 करोड़ की आबादी वाले देश के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में 2014 से पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शन का प्रधानमंत्री का आकलन भले ही निराशाजनक हो परंतु वे भारत की खेल प्रतिभाओं से बड़ी उम्मीद रखते हैं। इसका प्रमाण उनके कार्यकाल के दौरान आरंभ केंद्रीय खेल विभाग की योजनाएं हैं। खेलो इंडिया के अंतर्गत जमीन से जुड़े खेल के उदयीमान सितारों को ढूंढ निकालने की उनकी कोशिश सफल होती नजर आ रही है। भारत में भारतीय खेल प्राधिकरण ‘सांईÓ के माध्यम से खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों, सहयोगी सदस्यों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने का उद्देश्य सफल होता दिख रहा है। क्रिकेट, शतरंज, कबड्डी, खो-खो आदि तो ओलंपिक खेलों में फिलहाल शामिल नहीं है फिर भी घुड़सवारी, तलवारबाजी, मुक्केबाजी, कुश्ती, ताइक्वांडो, जूडो, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स आदि में ऐसे खिलाड़ी भारत ने दिये हैं जो विश्व स्तर की स्पर्धा के लिए योग्यता हासिल कर रहे हैं। यह सब कुछ प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने की दिशा में उठाये गये कदम से ही संभव हो पा रहा है। नई दिल्ली में सम्पन्न 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों ने भारत में खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों, आदि के लिए एक नये मार्ग को प्रशस्त किया। इन खेलों में डीडी स्पोट्र्स की तरफ से एक कमेंटेटर होने के नाते मैंने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में आधुनिक ख्ेाल सामग्री अधोसरंचना के निर्माण को खुद करीब से देखा। हालांकि तकनीकी दृष्टिकोण से भारत के आयोजकों के लिए यह एक सफल खेल महोत्सव था परंतु खेल के दुश्मनों द्वारा किये गये 5 से 10 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार ने हमारे देश का नाम विश्व स्तर पर दागदार किया। संभवत: जिसकी वजह से भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट आयोजित करने की श्रेणी से पिछले 13 वर्षों से बाहर रखा गया है। परिस्थितियां बदलती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 100 से भी कम दिनों के अंदर गुजरात में राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन गत सितंबर-अक्टूबर 2022 में करवाकर संसार के समस्त खेल फेडरेशन का ध्यान आकृष्ट करवा लिया है। आज स्थिति यह है कि 2026 के लिए तय किए गए आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर ने जब राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से इंकार कर दिया है तब भारत की दावेदारी सामने आई है। सौभाग्य से अहमदाबाद 2022 में, सम्पन्न राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान भी मुझे डीडी स्पोट्र्स के कमेंटेटर के रूप में आखों देखा हाल सुनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। वहां पर मैंने देखा जिस राष्ट्रीय खेल को गोवा करीब 10 वर्षों में नहीं करा सकी थी उसे सिर्फ 100 दिन में गुजरात सरकार, ओलंपिक संघ व केंद्र सरकार ने मिलकर भव्य रूप से करवा लिया। अहमदाबाद गुजरात में 2022 के राष्टीय खेलों के सफल आयोजन को देखते हुए पूरे भारत वर्ष के खेल मीडिया में मेरी कलम से लिखा गया कि अहमदाबाद में 2036 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेेल के लिए मार्ग खुल गया है। और अब तो यह दावा अधिक पुख्ता हो गया है। 2026 में गुजरात में कामनवेल्थ गेम्स होंगे तो समझिए 2036 के ओलंपिक के आयोजन का मार्ग प्रशस्त हो गया। हमारे देश में न तो संसाधन की कमी है न ही धन की। बस एक सोच की जरूरत है कि हमारा देश खेल की दुनिया में किसी भी बहुखेल स्पर्धा को सफलतापूर्वक आयोजन करने की क्षमता रखता है। इस सोच के साथ भारतीय ओलंपिक संघ आगे बढ़ रहा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समस्त देशवासियों का सहयोग मिलेगा।