छत्तीसगढ़

सावन के दूसरे सोमवार कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में देखते ही देखते ही बढ़ गई भीड़

राजिम । प्रसिद्ध कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर प्रांगण पर संगम के मध्य बारिश थमने के उपरांत देखते ही देखते इस कदर भी बड़ी की पुजारियों को मंदिर से उठकर व्यवस्था संभालने के लिए आना पड़ा। श्रद्धालुओं को दिक्कत ना हो इसलिए लाइन लगानी पड़ी। महिला एवं पुरुष अलग-अलग लाइन में लगे रहे इस दौरान जगती तल भक्तों से भर गया था। अपने साथ में बाल्टी एवं लोटा में जल लेकर पहुंचे श्रद्धालु हर हर महादेव का जयघोष करते रहे। महामंडप से घंटियों की झंकार होती रही। ऐसा पहली मर्तबा है जब 2 महीना का सावन हो और दूसरे ही सोमवार को बेकाबू भीड़ देखने को मिले। लोगों को अंदेशा नहीं था इस तरह से भीड़ बढ़ जाएगी। बताना जरूरी है कि महादेव के भक्त बड़े ही सरल स्वभाव के होते हैं एक दूसरे का सहयोग करते हुए दर्शन लाभ लेते हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे हुए थे भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर, धमतरी, कोरबा, सरायपाली, गरियाबंद, देवभोग इत्यादि जगहों से कांवरियों के अलावा श्रद्धालु गन पहुंचे हुए थे इन्होंने पाइप में जल डालकर महादेव का जलाभिषेक किया बताना होगा कि श्रद्धालुगण अब गर्भगृह तक नहीं पहुंचते बल्कि महामंडप से ही दर्शन करने की व्यवस्था बना दी गई है 10 फीट लंबी पाइप सीधे शिवलिंग तक पहुंचता है और जल महादेव में अभिषेक हो जाता है। फूल पत्ते पुजारियों को देना पड़ता है। पहुंचे कुछ श्रद्धालुओं ने कहा कि शिवलिंग को स्पर्श कर पाते तो और अच्छी बात थी लेकिन अब पहले जैसी व्यवस्था नहीं है बढ़ती श्रद्धालुओं के चलते दर्शन का रूट बदल दिया गया है। प्रतिदिन अब शिवलिंग में स्थित वेदी जिसे मां पार्वती का स्वरूप माना गया है। शानदार सजाया जा रहा है। सिंगार करने से इनकी आभा निखर जाती है। डमरु आरती में बजाया जाता है। उल्लेखनीय है कि बाबा कुलेश्वरनाथ महादेव अपने रूद्र परिवार के साथ विराजमान है। महामंडप में देवी पार्वती, देवी कालिका, देवी शीतला, श्याम कार्तिकेय, गणेश जी विराजमान है। मंदिर में दो गर्भगृह एक में बाबा कुलेश्वर नाथ महादेव का शिवलिंग तथा दूसरे में जगत जननी मां दुर्गा विराजे हैं।
नदी का जलस्तर बढऩे के कारण लक्ष्मण झूला बना सहारा
लगातार हो रही बारिश के चलते नदी चारों तरफ से पानी से गिर गया है जिसके चलते नदी के रास्ते से होकर महादेव का मंदिर पहुंच पाना मुश्किल हो गया है अब श्रद्धालु सीधे लक्ष्मण झूला के माध्यम से महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं यह झूला श्रद्धालुओं के लिए वरदान हो गया है एकमात्र सहारा लक्ष्मण झूला सीधे महादेव का दर्शन करा रहे हैं। इससे पहले जब लक्ष्मण झूला नहीं बना था तब श्रद्धालु बाढ़ के समय महादेव का दर्शन नहीं कर पाते थे लेकिन पिछले साल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झूला का लोकार्पण कर जनता को समर्पित कर दिया है तब से लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ एकमुश्त बढ़ी है।
सावन के दूसरे सोमवार होने के बावजूद कांवरिया कम दिखाई दिए।
शहर के सड़कों पर कांवरियों का रेला लगा होता था लेकिन इस बार बहुत कम मात्रा में इनकी उपस्थिति देखने को मिल रही है। इस बार 8 सोमवार पड़ेंगे। अभी 6 सोमवार और बचा हुआ है इस लिहाज से कांवरिया आगे के दिनों में शिव भक्ति में रमते हुए दिखाई देंगे। कांवरियों के लिए बाजार सजा हुआ है। गेरुआ वस्त्र के अलावा कांवर के साथ ही जरूरी सामानों की दुकाने भरा हुआ दिखाई दे रहा है। बताना होगा कि कांवरिया एक से दूसरे शिव पीठ में कांवर लेकर पहुंचते हैं तथा जल से जलाभिषेक करते हैं।

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