ठेकेदार तय मापदंड के अनुसार सड़क निर्माण नहंीं करा रहा
पत्थलगांव । भारी वाहनों की आवाजाही को देखते हुये लोकसभा सांसद गोमती साय ने सी.आर.एफ फंड से लगभग 49 करोड़ 76 लाख 58 हजार रूपये की मोटी रकम स्वीकृत कराकर करमीटिकरा से डूमरबहार तक की सडक लोगो को आवागमन की सुविधा के लिए सौगात स्वरूप दी थी,परंतु काम शुरू होने से पहले ही लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा शासन की आंख मे धूल झोंकनी शुरू कर दी गयी। बगैर काम करे ही ठेकेदार को एक झटके मे करोडो रूपये का भुगतान कर दिया,रूपये पाते ही ठेकेदार ने गुणवत्ता से खुलकर समझौता करना शुरू कर दिया। हालात ये बने है कि ठेकेदार एन.आई.टी के बनाये नियमो से छेडखानी करते हुये अपनी मनमर्जी से सडक का घटिया निर्माण करा रहा है,ठेकेदार का साथ लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बखूबी निभा रहे है। बताया जाता है कि ठेकेदार द्वारा पचास करोड की सडक बनाने मे एन.आई.टी मे दर्ज सडक का सबग्रेड एवं अर्थवर्क के दौरान डाली जाने वाली मिटटी का सी.बी.आर मे भी खुलकर भ्रष्ट्राचार किया है। दस करोड रूपये से अधिक दर पर किये जाने वाला मिटटी का काम मे ठेकेदार ने शासन की आंख मे जमकर धूल झोंकने का प्रयास किया है। 50 करोड की लागत से बनने वाले करमीटिकरा से लेकर डूमरबहार तक की सडक निर्माण की जांच जिम्मेदार एजेंसी करती है तो करोडो रूपये के घोटाले की परत काम होने से पूर्व ही खुल सकती है। दरअसल करमीटिकरा से डूमरबहार की सडक नेशनल हाईवे 43 को जोडने का काम करती है,पिछले पांच सालो से नेशनल हाईवे 43 की स्थिती खराब रहने के कारण भारी वाहन के चालक करमीटिकरा से डूमरबहार मार्ग का चयन कर झारखंड,बंगाल का सफर तय कर रहे थे,जिससे यह मार्ग भी बदहाल हो चुका था,सांसद गोमती साय ने अथक प्रयास करते हुये केन्द्र शासन से सडक बनाने के लिए भारी भरकम राशि स्वीकृत करायी।।
मिटटी की जगह धूल डालकर किया काम-:50 करोड रूपये की लागत से बनने वाली सडक के लिए तैयार एन.आई.टी के मापदंड मे ठेकेदार के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी पूरी तरह समझौता कर रखे है,मानो घटिया निर्माण करने का उन्होने बीडा उठा लिया हो। एन.आई.टी का सर्वे करने के बाद सडक मे अर्थवर्क के दौरान लगभग 9 करोड 96 लाख रूपये की मिटटी का काम करना था.मिटटी भी यह नही की उसे बगल के खेतो से निकालकर सडक मे बिछा दिया जाये। एन.आई.टी के प्रावधान के अनुसार ठेकेदार 8 प्रतिशत से अधिक सी.बी.आर के वैल्यू वाली मिट्टी डालकर अर्थवर्क को बेहद मजबुत बनाना था। कहा जाता है कि किसी भी कार्य की नींव मजबुत होने से उसकी मंजील टिकाउ होती है,परंतु ठेकेदार के साथ-साथ विभाग के जिम्मेदार लोगो ने अर्थवर्क से ही शासन के आंखो मे धूल झोंकना शुरू कर दिया,जिसकी जांच कराने पर करोडो रूपये के घोटाले की परत खुलेगी।
सड़क पर कही दिखायी नही देता कार्य का विवरण-किसी भी शासकीय कार्य को करने से पूर्व या करने के दौरान शासन के नियमानुसार जनता की जानकारी के लिए ठेकेदार एवं विभाग के अधिकारीयों को सूचना पटल लगाकर उसमें कार्य का विवरण,कार्य की लागत,कार्य का प्रकार,कार्य की अवधि के साथ कार्य मे मरम्मत करने एवं रख-रखाव के अलावा ठेकेदार का नाम भी दर्ज किया जाता है परंतु भ्रष्ट्राचार के साथ ठेकेदार एवं अधिकारीयों ने सारी चीजों को गोपनीय रखते हुये नियमो का खुलकर मजाक उडाया है,मजे की बात यह है कि शासन की आंख मे धूल झोंकने वाले ऐसे काम पर लोक निर्माण विभाग मे बैठे जिला या संभाग के किसी बड़े अधिकारी का अब तक ध्यान क्यो नही गया है।
एन.आई.टी के मापदंडो से ठेकेदार द्वारा यदि छेड़छाड़ की गयी है तो आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।
संतोष पैंकरा-अनुविभागीय अधिकारी-लोक निर्माण विभाग-पत्थलगंाव