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छत्तीसगढ़

कर्मचारियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

भिलाई । भिलाई नगर निगम भिलाई के अधिकारी और कर्मचारियों ने आज अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। निगम मुख्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में डीए पांच फीसदी बढ़ाए जाने के निर्णय का अनमने ढंग से स्वागत किया गया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उन्हें केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की तरह नौ फीसदी डीए मिलनी चाहिए। इस दौरान निगम में आवश्यक सेवाओं के साथ ही अन्य कामकाज बिना किसी बाधा के चलता रहा नगर निगम भिलाई के अधिकारी और कर्मचारियों ने आज सांकेतिक प्रदर्शन कर अपनी लंबित मांगों की ओर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया। इसमें सातवें वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता और महंगाई भत्ता ( डीए ) नौ फीसदी देने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा नगरीय निकायों में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग पर भी नारेबाजी की गई। निगम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने के बाद अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने दुर्ग के हिंदी भवन की ओर कूच किया यहां पर जिले के अन्य नगर निगम और नगर पालिकाओं से आए अधिकारी व कर्मचारियों के साथ जिला कार्यालय जाकर कलेक्टर को अपनी पांच सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के नेता संजय शर्मा ने बताया कि कईं सालों से नगरीय निकायों के कर्मचारी गृहभाड़ा भत्ता और महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। सातवें वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता नहीं दिया जा रहा है। नौ फीसदी महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग लगातार उठाया जा रहा है। लेकिन अब पांच फीसदी बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय का स्वागत तो है पर कर्मचारियों को नौ फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने आज सांकेतिक हड़ताल किया है। अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में हड़ताल का स्वरूप उग्र हो सकता है छत्तीसगढ़ स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के महामंत्री शरद दुबे ने बताया कि उनका संगठन अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के द्वारा आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के लिए गए निर्णय का समर्थन करते हुए अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के कर्मचारी गृहभाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। केन्द्र के बराबर नौ फीसदी महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग भी लगातार उठाया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिया जाता है उसे अन्य राज्यों की सरकारें तत्काल प्रभाव से लागू कर देती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं होना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि केबिनेट की बैठक में पांच फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए गए निर्णय का स्वागत करते हैं। लेकिन यह निर्णय संतोषजनक नहीं है।

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