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छत्तीसगढ़

सहकारी समिति के कर्मचारी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर

पत्थलगांव । हड़ताल करने की बारी अब सहकारी समिति के कर्मचारियों की आ गयी है। दिन शनिवार से प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों के लगभग 13 हजार कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गये है। उससे पूर्व जिले की सभी सहकारी समिती में पदस्थ कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। सहकारी समिती के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हडताल का आव्हान प्रदेश संगठन के नेतृत्व मे किया गया है,उनका कहना था कि छ.ग. शासन की अनेक जनकल्याणकारी योजनायें जिसमे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी,सार्वजनिक वितरण प्रणाली,खाद-बीज,के.सी.सी ऋण वितरण,वर्मी खाद का संचालन शत-प्रतिशत सहकारी समितीयों के माध्यम से किया जाता है। उनका कहना था कि भारत कृषि प्रधान देश है,जिसमे सहकारी समितीयां ऋण की हडडी की तरह काम करती है,परंतु प्रदेश सरकार की ओर से 2058 सहकारी समितीयों मे कार्यरत 13 हजार कर्मचारीयों के भविष्य की कोई सुध नही ली जा रही है,जो एक गंभीर चिंता का विषय है,उनका कहना था कि उनकी तीन सूत्रीय मांगो से प्रदेश के 30 लाख किसान परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। उन्होने शासन के समक्ष अपनी तीन सूत्रीय मांगो को रखते हुये बताया कि पहली मांग मे सभी सहकारी समिती के कर्मचारीयों को नियमित किया जाये। उनकी दूसरी मांग उन्हे सहकारी कर्मचारीयों की भांति नियमित कर वेतन दिया जाये। तीसरी एवं महत्वपूर्ण मांग मे जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मे सीधी भर्ती पर रोक लगाकर प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों मे कार्यरत कर्मचारीयों को बैंक के रिक्त पदो पर संविलियन के माध्यम से भर्ती किया जाये।

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