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छत्तीसगढ़

पर्यावरण की रक्षा के लिए एकजुट होकर पौधरोपण करें

रायगढ़ । सुनील रामदास ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर आम जनता से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एकजुट होकर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। जुलाई, अगस्त एवं सितंबर पौधारोपण करने के लिए सर्वोत्तम समय है। इस दौरान अभियान चलाकर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। रायगढ़ अंचल में पिछले कई वर्षों से वृक्षारोपण के कार्य को गति देने वाले सुनील रामदास ने कहा कि वृक्षारोपण को सकारात्मक आंदोलन का रूप देने की आवश्यकता है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए ऐसा करना आवश्यक है। सुनील रामदास ने कहा कि उनकी संस्था रामदास द्रोपदी फाउंडेशन पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी बड़े आकार के पौधों को हजारों की संख्या में रोपित करेगी। इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नागरिकों और संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी होगी। कोई भी संस्था सार्वजनिक हित के लिए वृक्षारोपण करने के लिए उनकी संस्था से बड़े आकार के पौधे प्राप्त सकती हैं।वृक्षारोपण को महा अभियान का स्वरूप देने के लिए व्यक्ति, संस्था, संगठन और कंपनियों को एक कदम आगे बढ़कर इस महति कार्य में बढ़चढ़कर योगदान देने की आवश्यकता है। जिस तरह से मानवीय गतिविधियों से वृक्षों को नुकसान हो रहा है, उस दृष्टिकोण से वृक्षारोपण करना प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, नैतिक एवं राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। वृक्षों के बहुआयामी लाभ हैं। प्रत्येक वृक्ष का विशिष्ट महत्व है। वृक्ष मनुष्यों की जीवन पर्यन्त सेवा करते हैं। पेड़-पौधों के अभाव में सुखद और हरियाली पूर्ण जीवन की कल्पना कर पाना असंभव है। वृक्षों की छाया के द्वारा ही जमीन पर नीम रहती है। वृक्ष सबसे ज्यादा योगदान जल संरक्षण में योगदान देते हैं। हवा की गुणवत्ता को बढ़ाने में पेड़-पौधे ही सहायक होते हैं। पेड़-पौधे असंख्य सुक्ष्म जीवों और पक्षियों के लिए आहार और आश्रय स्थल बनते हैं। पेड़ों को बचाना, पेड़-पौधों की संख्या को बढ़ाना पर्यावरण के संतुलन के लिए आज के समय की अनिवार्य आवश्यकता बन गई है।आज के समय में वृक्षारोपण को आजीविका के साधन के रूप में समाज में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। लोग बड़े आकार के वृक्ष उगाकर आर्थिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। इस तरह के कार्यों का चलन आगे चलकर बहुत बड़े कार्य का रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि देशभर में राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा अनेक लोककल्याणकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिसके परिणाम में आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, प्लास्टिक का कम उपयोग, वस्तुओं का पुनर्उपयोग, रीसाक्लिंग आदि कार्यों में गति आएगी। इन कार्यों में हम अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के दिन वृक्षारोपण करने का संकल्प दिवस है। की वर्ड टैग – सुनील रामदास, महावृक्षारोपण अभियान, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, रायगढ़, सुनील रामदास की वृक्षारोपण पहल, सुनील रामदास का पर्यावरण संरक्षण में योगदान।

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