3 साल में 76 बाल विवाह रोके गए , महिला बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
गरियाबंद । बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ महिला बाल विकास विभाग के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी सतर्क है। बाल विवाह के पूर्णत: रोकथाम हेतु कलेक्टर गरियाबंद, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन व जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में कार्य किया जा रहा है। जिसके लिये विकासखण्ड स्तर एवं पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है। जो कि निम्नानुसार है.- विकासखंड स्तर पर बनी समितियों में अनुभाग स्तर के अधिकारी के साथ ही अन्य अधिकारी रहेंगे व कुछ स्वैच्छिक संगठन के लोग रहेंगे इसी तरह पंचायत स्तर पर बनी समितियों में पंचायत के विभिन्न पदाधिकारी एवं स्कूल के 1 छात्र व 1 छात्रा रहेंगे जिनका प्रमुख रूप से बाल विवाह की रोकथाम हेतु समस्त प्रयासों का किया जाना होगा। विकासखण्ड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के माध्यम से बाल विवाह पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के लिये निर्देश दिये गये है। ग्राम पंचायतों में विवाह के संबंध में पंजी संधारण में होने वाले समस्त विवाहों का रिकार्ड रहेगा जिससे बाल विवाह की जानकारी समय पूर्व प्राप्त हो जावेगी।बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता लाने हेतु मिशन वात्सल्य योजना एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम का गठन करते हुये दिनांक 22/04/2023 एवं 24/04/2023 तक 05 विकासखण्ड में फिगेश्वर, छूरा, गरियाबंद, मैनपुर एवं देवभोग में सरपंच, पंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं नागरिक जनो के माध्यम एवं विवाह स्थल में जाकर कुल 38 ग्राम में जाकर जानकारी लिया गया जिसमें कोई भी बाल विवाह के प्रकरण प्राप्त नहीं हुये। बाल विवाह की रोकथाम की जानकारी वर्ष 2020 से 31 मार्च 2023 तक रोके गये प्रकरण की जानकारी 2020- 21, 21 -22 और 22 -23 में 76 बाल विवाह के प्रकरण विभाग की सक्रियता के चलते रोके गए