प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार की पुर्नस्थापना की मांग में जंगल सत्याग्रह
तिल्दा-नेवरा । साल 1922 में धमतरी के सिहावा में जंगल सत्याग्रह के सौंवी वर्षगांठ पर पूरे छत्तीसगढ़ के हजारों आदिवासी एकजुट होकर प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल और जमीन पर अपने अधिकारों की पुर्नस्थापना की मांग को बुलंद करने के लिए तीन दिवसीय जंगल सत्याग्रह कर रहे हैं। जंगल सत्याग्रह 2 मार्च से जिले के गट्टा सिल्ली गांव में शुरू होगा।
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक रमेश भाई ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सत्याग्रह के पहले दिन प्रदेश के 20 जिलों के अलग-अलग जनजातीय समुदाय के लगभग 8 हजार प्रतिनिधि, जननेता, ग्रामीण मुखिया और आदिवासी महिला पुरूष प्रख्यात गांधीवादी व सर्वोदयी नेता तथा एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही के नेतृत्व में चार किमी लम्बी सत्याग्रह पदयात्रा करेंगे और उसके बाद तीन दिवसीय सत्याग्रह प्रारंभ होगा।
श्री रमेश भाई ने बताया कि इस जंगल सत्याग्रह के माध्यम से प्रदेश में वनाधिकार और पेसा कानून के प्रभावी क्रियांवयन और अन्य मुद्दों पर छत्तीसगढ़ शासन से संवाद की रणनीति भी बनायी जायेगी। उन्होने कहा कि सत्याग्रह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्तचरण दास, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के मनीष कुंजाम, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार, किसान आंदोलन के सुदेश पैंकरा, आसाम के आदिवासी सांसद नब्बासरण्या, सरगुजा के आदिवासी नेता गंगाराम पैंकरा, राष्ट्रीय संयोजक अनिष कुमार, वरिष्ट कार्यकत्र्ता अनिल भाई, हरियाणा के राकेश तंवर, उड़ीसा के भरत भूषण सहित देश भर के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और जंगल सत्याग्रह के सत्याग्रही परिवार के वंशज भी शामिल होंगे।
श्री रमेश भाई ने बताया कि पूरे प्रदेश में फरवरी माह में वनाधिकार संवाद पदयात्रा का आयोजन जिला स्तर पर किया गया और पदयात्रा के माध्यम से प्राप्त समस्याओं को प्रशासन और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को समाधान व कार्यवाही के लिए सौंपा गया था। उन समस्याओं और वनाधिकार कानून की सफलताओं पर भी सत्याग्रह के दौरान चर्चा की जाएगी।
जंगल सत्याग्रह के संयोजक मंगलूराम जगत और लोकेश्वरी वट्टी ने बताया कि इस दौरान आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले प्रमुख लोगों जैसे पदमश्री अजय मण्डावी, जंगल सत्याग्रह इतिहास के लेखक आशीष ठाकुर, आदिवासी नेता मनीष कुंजाम और वरिष्ठ आदिवासी कार्यकर्ता गंगाराम पैंकरा को सम्मानित किया जायेगा। जंगल सत्याग्रह की तैयारी के लिए एकता परिषद् के वरिष्ट साथियों का एक समूह बीते एक माह से धमतरी के विभिन्न गाँव में सीताराम सोनवानी, अरुण कुमार और मुरली भाई के नेतृत्व में कार्य कर रहे है।