छत्तीसगढ़

सोनतीर्थ घाट में गंदगी के चलते नाक बंद कर नहाने को विवश हैं श्रद्धालु

राजिम । देश के प्रसिद्ध त्रिवेणी संगम राजिम के सोन तीर्थ घाट में साफ पानी जिला प्रशासन मुहैया नहीं करा पा रहे हैं जिनके चलते आम श्रद्धालुओं को गंदे पानी में ही नहाने के अलावा सारे कृत्य करने के लिए मजबूर है। बता देना जरूरी है कि त्रिवेणी संगम में तीन नदियों का संगम है और यहां स्नान दान आदि सारे कृत्य करने के लिए देशभर से लोग पहुंचते हैं कभी-कभी तो विदेश से भी लोग अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए पहुंच जाते हैं लेकिन यहां के संगम में गंदगी को देखकर बड़ी शर्मिंदगी होती है वह प्रशासन को कोसते रहते हैं। माघी पुन्नी मेला में पूरे 15 दिनों तक जिला प्रशासन के द्वारा नदी की साफ सफाई के अलावा पूरी मेला की व्यवस्था किया गया था लेकिन सोन तीर्थ घाट पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। तब से लेकर अब तक गंदगी देखी जा रही है। क्योंकि पानी कम है और कम पानी में नहाने से अंदर जो जमा कचर हैं वह बाहर निकल आता है सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि आज देखा गया कि कुछ महिलाएं अपने हाथों में स्टील के पात्र लेकर पानी के अंदर डूबते और वहां से रेत व मिट्टी को निकालते थे और उसमें सोना चांदी तथा रुपया पैसा ढूंढ रहे थे इससे उस घाट के पानी गंदा हो रहे थे लेकिन वही बाहर से आए हुए श्रद्धालु कुछ नहीं कह पा रहे थे वह मजबूरी में गंदे पानी में ही स्नान कर रहे थे। घाट के दोनों किनारे एवं सिढ़ी पर कपड़ों का ढेर लग गया है। अस्थि विसर्जन कृत्य करने के लिए पंडितों द्वारा सोन तीर्थ घाट पर बड़ी संख्या में यह कृत्य करवाया जाता है स्नान उपरांत यजमान यहीं पर कपड़े छोड़ जाते हैं जिसके कारण लगातार कपड़ों की संख्या बढ़ती जा रही है और देखते ही देखते ढेरी लग गया है साफ सफाई पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे हैं लेकिन स्थानीय पंडितों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए परंतु वह भी अपने कमाई के चक्कर में साफ सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है कुछ लोगों ने यही बात बताई।
सोन तीर्थ घाट में स्नान का फल सोना दान करने के समान
सोन तीर्थ घाट में स्नान करने और सोना दान करने के बराबर फल मिलता है ऐसी प्राचीन मान्यता है जिसके चलते अनुष्ठान के सारे कृत्य यही प्रक्रिया किया जाता है वैसे त्रिवेणी संगम में अलग-अलग 5 से 6 घाट है इनमें से सबसे ज्यादा शहर के सोन तीर्थ घाट एवं नवापारा नगर के नेहरू घाट पर अस्थि विसर्जन का कार्य ज्यादा संख्या में किया जाता है। इन घाटों की साफ-सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं को तकलीफ हो रही है दोनों शहर अलग-अलग जिला में है राजिम गरियाबंद एवं नवापारा रायपुर जिला में स्थित है जिसके कारण अलग-अलग जिला प्रशासन विद्यमान है और दोनों जिला प्रशासन के उदासीनता के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button