खेल – मनोरंजन

सब कुछ है पर उन्नयन के लिए कौन उठायेगा कदम

छत्तीसगढ़ में खेलों के व्यवस्थित विकास के लिए नीति बनाने की आवश्यकता

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
सितंबर-अक्टूबर 2022 में 36 वें राष्ट्रीय खेल संपन्न हुए। इसमें 37 राज्यों, केंद्रीय संस्थानों, केंद्र शासित प्रदेशों की टीमों ने भाग लिया। सर्विसेज की टीम 61 स्वर्ण,35 रजत,32 कांस्य पदक के साथ पहले स्थान पर रही। इसमें 36 ओलंपिक खेलों के साथ गैर ओलंपिक खेल शामिल थे। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने 2 स्वर्ण, 5 रजत 6 कांस्य सहित 13 पदक में हासिल करके पदक तालिका में 22 वां स्थान प्राप्त किया।
गुजरात के राष्ट्रीय खेलों में हमारे प्रदेश के खिलाडिय़ों ने बैडमिंटन, रोलर, स्केटिंग, क्याकिंग-कैनोइंग, साफ्टबाल,मलखम्ब, तालवारबाजी, साफ्ट टेनिस मिलाकर 13 पदक जीता था।
इसी तरह मध्यप्रदेश में 30 जनवरी से 11 फरवरी 2023 तक पांचवें खेलों इंडिया यूथ गेम्स हुए। इसमें 27 ओलंपिक खेलों के साथ गैर ओलंपिक खेलों को सम्मिलित किया गया था।
इसमें कुश्ती,भारोत्तोलन बास्टेकबाल कलारी पयाट्टू थंग-टा, तथा तलवारबाजी हमारे खिलाडिय़ों ने पदक जीता। इस टूर्नामेंट में महाराष्ट्र के दल ने 36 स्वर्ण, 55 रजत, 50 कांस्य पदक पाकर पहला स्थान पर कब्जा जमाया। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने पदक तालिका में दो स्वर्ण, दो रजत,आठ कांस्य पदक जीतकर 22 वां स्थान पाया।
इस तरह अगर हम उभरते हुए युवा खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में शामिल कुश्ती,भारोत्तोलन, क्याकिंग-कैनोइंग, बैडमिंटन, साफ्टबाल, तलवारबाजी, बास्केटबाल जैसे सिर्फ सात खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर सके हैं। यह भी सच है कि भारत के पारंपरिक खेलों , प्रादेशिक खेलों का अपना महत्व है लेकिन खेलों के विश्वमानचित्र पर भारत को जगह दिलाने के लिए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में पदक प्राप्त करने का अपना महत्व है। छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण 01 नवंबर 2000 को हुआ। इसके निर्माण को 22 वर्ष हो चुके हैं। इसलिए यह भी नहीं कहा जा सकता यह नया राज्य है। पिछले 22 वर्षों में छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड, उत्तराखंड, तेलंगाना जैसे राज्य अस्तित्व में आये हैं। इन प्रदेशों में राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्राप्त उपलब्धि का आंकलन करने से स्पष्ट हो जाता है कि छत्तीसगढ़ राज्य के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन बहुत फीका रहा है। 36 वें राष्ट्रीय खेलों में तेलंगाना ने 23 पदक,25वां स्थान, झारखंड ने 17 पदक 18 वां स्थान जबकि उत्तराखंड 18 पदक, 26 वां स्थान पाया। ठीक इसी तरह खेलों इंडिया यूथ गेम्स 2022 मध्यप्रदेश के पदक तालिका में तेलंगाना ने 25 पदक के साथ 13 वां, झारखंड ने 07 पदक के साथ 19 वां जबकि उत्तराखंड 07 पदक लेकर 23 वें स्थान पर रहा। इस प्रकार उपरोक्त आंकड़ों का आंकलन करने पर स्पष्ट हो जाता है कि राज्य निर्माण के 22 वर्षों बाद भी छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने बड़ी कामयाबी हासिल नहीं की है। इसके लिए दोषी कौन है? क्या कमियां है? कैसे इस प्रदेश में प्रतिभागियों को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सकता है? इन विषयों पर छत्तीसगढ़ के ओलंपिक फेडरेशन उसके संबद्ध खेल फेडरेशन,निर्णायकों, प्रशिक्षकों वर्तमान,पूर्व खेल प्रशासकों, वर्तमान पूर्व ख्याति प्राप्त खिलाडिय़ों तथा खेल मीडिया पत्रकारों से चर्चा करनी चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। खेल मंत्रालय युवा मंत्री उमेश पटेल के हाथों है। पिछले करीब चार वर्षों से खेल संचालक के पद पर महिला अधिकारी श्वेता श्रीवास्तव सिंहा है। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का भी गठन किया गया है जो कि अपनी भूमिका निभा रहा है। इतना सब कुछ होते हुए प्रश्न यह उठता है कि आखिर पदक प्राप्त करने लायक खिलाड़ी हम क्यों नहीं ला पा रहे हैं। खेलकूद में रोजगार की अपार संभावना है। हमारे प्रदेश में राजस्व की कोई कमी नहीं है। राज्य खनिज न्यास के खाते से रुपये प्राप्त करके खेल अधोसंरचना विशेषकर ओलंपिक खेलों के लिए प्राप्त किया जा सकता है तो फिर क्यों कोई सामने नहीं आता?

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