खेलकूद के प्रति लगाव बढ़ाने की अच्छी कोशिश
छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक 2023-24, 17 जुलाई से 27 सितम्बर तक होगा आयोजित
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे प्रदेश के सभी आयु वर्ग के खेलप्रेमियों के लिए आज का दिन बड़ी खुशखबरी लेकर आया। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022-23 में पहली छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था। इसकी शुरुआत 6 अक्टूबर 2022 को हुई थी और 6 जनवरी 2023 को इसका समापन हुआ था। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा लगातार दूसरी बार ग्रामीण खेलों का यह भव्य आयोजन पुन: किया जा रहा है। अबकी बार 17 जुलाई 2023 को हरेली के दिन से ये खेल 27 सितम्बर तक सम्पन्न होंगे। छत्तीसगढ़ में खेल वातावरण बनाने की दिशा में यह ठोस कदम है। हमारे राज्य में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। खेलकूद की वजह से व्यक्ति अनुशासन, समय की पाबंदी के साथ कठोर परिश्रम के महत्व को समझता है। हमारे प्रदेश में हर क्षेत्र में मेहनतकश लोगों की कोई कमी नहीं है। खेलकूद में लगाव बढ़ाने के लिए छत्तीसगढिय़ां ओलंपिक जैसी प्रतियोगिता बहुत ही प्रभावशाली है। सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इन खेलों में तीन आयु वर्ग के प्रतिभागियों को अपना जौहर दिखाने का अवसर मिलता है। 18 वर्ष से कम को पहले, 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग को दूसरे जबकि 40 वर्ष से अधिक उम्र को तीसरे वर्ग में रखा गया है। पहले छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया था जिसमें 8 दलीय खेल गिल्ली डंडा, पि_ुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी तथा बांटी (कंचा ) सम्मिलित थे। एकल श्रेणी में गेड़ी दौड़, लंबी कूद, बिल्लस, भंवरा, 100 मीटर दौड़, फुगड़ी के मुकाबले हुए थे। यह आयोजन 6 स्तर गांव, जोन विकासखंड/नगरीय कलस्टर/जिला, संभाग, राज्य स्तर पर हुआ था। 2023-24 का छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेल करीब 100 दिन चलने की संभावना है। समय पूर्व ही इस प्रतियोगिता के विस्तृत कार्यक्रम की जानकारी दे दी गई है। इस बार 14 की जगह 16 खेलों में मुकाबले होंगे। दलीय श्रेणी में 8 खेल ही होंगे लेकिन एकल श्रेणी में 8 खेल स्पर्धा होगी। एकल श्रेणी में रस्सीकूद और कुश्ती को शामिल किया गया है। ग्रामीण अंचल में यह स्पर्धा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जबकि नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा संचालित होगी। प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने की परंपरा से जिस तरह पिछले वर्ष इस खेल मेला में उत्साह की लहर दौड़ गई थी वही परिस्थिति इस बार भी होगी। पिछली बार आयोजन में कुछ कभी रह गई थी अत: इस बार आयोजनकर्ताओं को उन कमियों पर ध्यान रखते हुए सतर्क रहना होगा। मेडिकल टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। संभव हो तो मैदान में उतरने के पूर्व खिलाडिय़ों का सामान्य मेडिकल चेकअप किया जाना चाहिए या फिर पहले ही मीडिया द्वारा जानकारी दे देना चाहिए कि ऐसे लोग जो कुछ बीमारी से ग्रस्त हैं वे किस-किस खेल में भाग ना लें। अप्रिय स्थिति को टालने के लिए कठोर निर्णय लेना होगा। पिछली घटनाओं का अध्ययन करके प्रतिभागियों, प्रशिक्षकों, आयोजकों, प्रशासनिक, चिकित्सा अधिकारियों, कर्मियों को एक दूसरे का सहयोग पूरी सजगता से एकजुट होकर करना होगा। जिससे छत्तीसगढिय़ां ओलंपिक खेलों के सफल आयोजन हो सकेगा। गोवा के राष्ट्रीय खेलों में शामिल खेलों जैसे कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, 100 मी. दौड़, लंबी कूद आदि खेलों में जिन खिलाडिय़ों के भाग लेने की संभावना है उन्हें खुद होकर संभलकर प्रदर्शन करना होगा।