पहनावे में हो लोक संस्कृति की झलक: पुराणिक साहू
राजिम । गुंडरदेही के लहर गंगा लोककला मंच के लोक गायक पुराणिक साहू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पर्व एवं त्योहार में लोक कला की झलक स्पष्ट रूप से दिखती है। जंवारा, मितान बधने की परंपरा, मेला मड़ाई, लोक त्यौहार, बिहाव, गौरा गौरी, पंथी नृत्य इत्यादि आज भी प्रासंगिक मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद है जिन्हें हम लहर गंगा के माध्यम से मंच पर उतारते हैं। लोक कला एवं लोक संस्कृति पर प्रस्तुति देना हमें बहुत अच्छा लगता है। हमारी कोशिश दर्शकों के साथ जोडऩे की होती है ताकि वह कार्यक्रम को अपलक देखते रहे, उबाऊं न लगे। श्री साहू ने आगे बताया कि अपनी संस्कृति को सुंदर ढंग से परोसने का प्रयास करते हैं इसके लिए बहुत मेहनत करना पड़ता है। कार्यक्रम के दौरान गेप ना हो इस बात का ध्यान रखा जाता है। नृत्य पक्ष में कसावट तथा संगीत पक्ष की चुस्त-दुरुस्त मैनेजमेंट पर कसावट होती है।साहू ने लोककला की शुरुआत के प्रश्न पर कहा कि बचपन से ही इस विधा से जुड़ा रहा। कॉलेज जीवन में अर्जुंदा लोक कला मंच ने मुझे आगे बढऩे का रास्ता दिखाया। वहां निशुल्क कार्यशाला का आयोजन करते थे। आज भी इस दिशा में कार्य किया जाता है। प्रतिभाएं उभर कर सामने आते थे और इन्हीं लोगों को मिलाकर लहर गंगा को लाया गया। पिछले 10 सालों में लगातार प्रस्तुति दे रहे हैं। शुरुआती दौर पर फ्री में कार्यक्रम देते थे। सिर्फ मंच और माइक तथा लाइट ही उपलब्ध हो जाते और फिर हम रात भर लोगों को हंसाते, गुदगुदाते एवं समां बांधने का भरपूर प्रयास करते। उन्होंने आगे कहा कि अभी लहर गंगा को बहुत ऊंचाई तक ले जाना है इसके लिए तैयारियां अभी से कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि विदेश में भी पहचान बने। मंचीय प्रस्तुति देने से पहले बराबर तैयारी करते हैं उससे तेवर बना रहता है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश, उड़ीसा में भी प्रस्तुति दी है। वहां भाषा की दिक्कत होती है, लेकिन हाव भाव एवं अभिनय को देखकर दर्शक समझ जाते हैं वैसे भी हिंदी को तो पूरी देश जानता है।
लोक संगीत में छिपे हैं मोटिवेशन के गुण
लोक संगीत में मोटिवेशन के गुण छिपे हुए हैं इससे जीवन का रंग बदल जाता है। छत्तीसगढ़ के बाहर भी राजिम माघी पुन्नी मेला का अपना विशेष नाम है। इस बार का मन अत्यंत सुंदर लग रहा है। बताया कि वह पिछले 32 सालों से लोक कला की प्रस्तुति दे रहे हैं। निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर काम करते हैं गीत नृत्य प्रमोशन गम्मत के माध्यम से शिक्षाप्रद प्रस्तुतियां लोगों के दिलों में राज करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक कलाकार को सभी कलाकार को देखना एवं सुनना चाहिए इससे आगे बढऩे का मार्ग खुलता है।