और कब मिलेगा किसी अन्य खिलाड़ी को भारत रत्न
भारत सरकार से प्रदत्त नागरिक सम्मान खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाता है
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे देश में बचपन से ही खेलकूद को प्रोत्साहित किये जाने की परंपरा रही है। भारत को गांवों का देश माना जाता है जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है। भू-भाग की दृष्टि से विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। अत: सतह चाहे जैसी हो खेलने कूदने के लिए चारों तरफ पर्याप्त खाली जगह है। मजेदार बात आसमान के नीचे खेलकूद के लिए सतह चाहे उबड़-खाबड़ हो, लाल मिट्टी (मुरुम) की हो, हरी चादर जैसी घास की परत हो, समतल हो नागरिक उसी हालत में आज भी खेलने के लिए तैयार रहते हैं। उद्देश्य चाहे शारीरिक चुस्ती के लिए हो या मनोरंजन या टाइम पास सबकुछ खेल को प्यार करने का प्रतीक है। खेलकूद में अपनी क्षमता दिखाने के लिए माता-पिता, अभिभावक अपने नन्हें मुन्नें को प्रोत्साहित करते हैं इसके पीछे सिर्फ यही तर्क नहीं रहता कि वे जीवनयापन की सुविधा जुटा लें बल्कि यह भी रहता है कि वे खेल स्पर्धा में सफलता प्राप्त करके अपने परिवार, निवास स्थान, प्रदेश व देश का नाम रौशन कर सके। साथ ही साथ दूसरों को खेलकूद के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सके। एक एथलीट जब अपना भविष्य खेल के लिए दांव में लगा देता है तो फिर उसके देखरेख, मान-सम्मान आदि की जिम्मेदारी परिवार, समाज, शासन-प्रशासन की हो जाती है। इस दृष्टि से हमारे देश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए नकद राशि, भूखंड, मकान, नौकरी और सम्मान जैसे तोहफे का प्रावधान है। इन सबमें 26 जनवरी याने गणतंत्र दिवस के दिन दिये जाने वाला भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्मश्री सबसे प्रतिष्ठि है। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को 2014 में भारत रत्न मिला था उसके बाद किसी अन्य खिलाड़ी को यह सम्मान नही दिया गया है .भारत में अब तक पद्म विभूषण पाने वाले सिर्फ दो खिलाड़ी हैं एक शतरंज के विश्वनाथन आनंद, दूसरे मुक्केबाज एमसी मेरीकाम हैं इनके अलावा पद्म भूषण से सम्मानित टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, क्रिकेटर राहुल द्रविड, शटलर पीवी सिंधु प्रमुख हैं। पैरालिंपिक खेलों में दो गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेन्द्र झांझरिया को पद्म भूषण दिया जाना गौरव की बात है। नागरिक सम्मान में भारत रत्न का स्थान सर्वोच्च है। वर्तमान समय में भारत के कम से कम तीन खिलाड़ी भारत रत्न के लिए दावेदार हैं। इनमें एक शतरंज के विश्वनाथन आनंद दूसरे हैं टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, तीसरी मुक्केबाज एमसी मेरीकाम। अगर मृत्युपरांत यह पुरस्कार दिया जाना है तो स्व. मेजर ध्यानचंद उपयुक्त हैं। विश्वनाथ आनंद 53 वर्ष के हैं और पिछले करीब 40 वर्षों से शतरंज में सक्रिय हैं। शतरंज के विश्व चैंपियन रह चुके हैं। इसी तरह टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस 49 वर्ष के हैं और 38 वर्षों से टेनिस से जुड़े हैं। युगल में अपने साथी खिलाड़ी महेश भूपति के साथ विश्व में पहली वरीयता रह चुके हैं। मेरीकाम 40 वर्ष की हैं और 8 बार विश्वचैंपियन बनने का अनूठा रिकार्ड उनके नाम है। भारत में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यह आवश्यक है कि अब खिलाड़ियों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान याने भारत रत्न से भी नवाजा जाए। केंद्र सरकार के इस तरह के निर्णय से भारत की युवा पीढ़ी को ऊर्जा प्राप्त होगी और वे खेल से जुड़ेंगे साथ ही साथ अभिभावक व परिवार के अन्य सदसय अपनी-अपनी संतानों को खेलकूद में कम उम्र में शामिल होने प्रोत्साहित करेंगे।