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छत्तीसगढ़

पितृपक्ष श्राद्ध में गौमाता के लिए महाभंडारा

खरसिया । पितृपक्ष त्रयोदशी तिथि सोमवार के दिन 400 किलो खिचड़ी 5 हजार हल्दी वाली पुड़ी 2 पेटी गुड़ को खरसिया नगर क्षेत्र कि सड़कों गली मोहल्ले में घुम घुम कर गौ धन को भंडारा भोग लगाया गया।इस दौरान करीब 400 गौधन को भंडारा भोग लगाया गया।गौ सेवा संगठन खरसिया छत्तीसगढ़ आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है पुरे छत्तीसगढ़ में गौसेवा के क्षेत्र में सबसे अग्रणी स्थान बना चुकी संगठन है जो नित्य प्रति दिन गौवंश कि रक्षा सुरक्षा जागरूकता को लेकर कोई ना कोई कार्यक्रम करती रहती है। गौसेवा संगठन के प्रमुख राकेश केशरवानी गौसेवक ने हमें बताया गौमाता कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त बिमार अथवा चोटग्रस्त सुचना मिलते ही संगठन द्वारा तत्काल राहत प्रदान करने का प्रयास किया जाता है। अपाहिज हो चुके गौवंश को रेस्क्यू कर अपनी गौसेवा धाम में लाकर तब तक सेवा जतन इलाज मुहैया करवाया जाता है जब ठिक होकर अपने पांव में चलने-फिरने न लगे। संगठन द्वारा गोलोकवासी हो चुके गौवंश अन्य जीव जंतुओं को अंतिम संस्कार मिट्टी सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाती है। समय-समय पर जागरूकता अभियान के तहत नगरवासियो के सहयोग से महा भंडारा भोग, गौधन शोभायात्रा, गौधन जागरूक यात्रा निकाली जाती है गर्मी में जगह जगह जल सेवा के लिऐ कोटना रखवाये जाते हैं बरसात के दिनों में सड़कों पर डेरा जमाये गौवंश को सुरक्षा कवच रेडियम बेल्ट पहनाया जाता है। गौसेवा संगठन निस्वार्थ सेवा भाव पर विस्वास रखती है गौमाता के रक्षा सुरक्षा के लिऐ 24/7 समर्प्रित रहती है।आज भी पितृपक्ष के उपलक्ष्य में सड़कों पर भुखे प्यासे दर दर भटक रहे गौवंश के लिऐ महा भंडारा का आयोजन किया गया था संगठन के करीब 20-25 सदस्य चार घंटे तक पुरे नगर क्षेत्र सहीत आसपास में घूम घूम कर गौमाता को भोग भंडारा खिलाते रहे। सनातन धर्म में गौमाता को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है पुज्यनीय है अमृत मंथन से उत्पन्न गौमाता के शरीर में पुरे 33 कोटी देवी-देवताओं का वास है। गौमाता को भोग लगाने से हमारे सभी पितरों को भोग लग जाता है।

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