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छत्तीसगढ़

सीएमएचओ कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो का छापा

दंतेवाड़ा । दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले में लंबे समय बाद रिश्वतखोर अधिकारी पर एंटी करप्शन ब्यूरो की कारवाई देखने को मिला है। शुक्रवार को एसीबी ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी को वाहन भुगतान के एवज में 15 हजार की अवैध रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा है। एसीबी ने 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाही करते हुए बीएमओ को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
दंतेवाड़ा खण्ड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ)पर एसीबी की कारवाई का मामला इस प्रकार है कि बीएमओ डॉ0 वेणुगोपाल राव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत चिरायु योजना में लगे दो वाहनों के भुगतान के एवज में वाहन मालिक से 20 हजार रूपए बतौर रिश्चत मांगे थे। परेशान होकर वाहन मालिक सुनिल नाग ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय को किया था जिसके बाद शुक्रवार को एसीबी की टीम योजनाबद्ध तरीके से दंतेवाड़ा सीएमएचओ कार्यालय पहुंच बीएमओ डॉ0 वेणुगोपाल राव को 15 हजार की रिश्चत लेते हुए पकड़ लिया। कतियाररास निवासी पीडि़त वाहन मालिक सुनिल नाग ने पत्रकारों को बताया कि बीते वर्ष अक्टूबर 2023 में निविदा पर उनकी दो वाहन एक बोलेरो एवं एक स्कार्पियो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत चिरायु योजना में लगी थी। जिसका भुगातन जनवरी 2024 से जून 2024 तक करीब 3 लाख रूपए पेंडिग था। बीएमओ श्री राव ने कहा कि तुम्हारा 3 माह का भुगतान आ गया है उसे मैं निकाल दुुंगा लेकिन बदले में तुम्हे मुझे 30 हजार रूपए देने होंगे। मेरे द्वारा इतने रूपए दे पाने असमर्थता जताया गया जिसके बाद श्री राव ने 20 हजार रूपए देने को कहा। बीस हजार में भुगतान निकालने की बात तय हुई। सुनिल नाग ने बताया कि मैं बिलकुल भी रिश्वत देने के पक्ष में नहीं था और मेरा जमीर भी इस बात को गंवारा नहीं कर रहा था लिहाजा मैने रिश्वतखोर बीएमओ को सबक सिखाने का ठाना जिसके बाद मैने एसीबी कार्यालय जगदलपुर में फोन लगाकर पूरी बात अधिकारियों को बता दी। एसीबी के अधिकारियों ने मुझसे संपर्क कर पूरी प्लानिंग के तहत मुझे शुक्रवार को बीएमओ के पास भेजा। मैने बीएमओ से कहा कि अभी मेरे पास 15 हजार रूपए हैं इसे रख लिजिए मेरा पेमेंट आ जाने के बाद 5 हजार उसमें से आपको और दे दुंगा। बीएमओ के कक्ष में सुनिल नाग ने जैसे ही रूपए निकालकर डॉ0 श्री राव को दिया उसी समय बाहर खड़े एसीबी के अधिकारियों ने फौरन अंदर कक्ष में प्रवेश कर रंगे हाथों रिश्वतखोर बीएमओ को धर दबोचा। हाथ धुलाने पर तथा पकड़े गए नोट को पानी से भरे गिलास में डुबोया गया जिससे पानी का रंग गुलाबी कलर हो गया। जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि बीएमओ के हाथ में जो रूपए थे वे रिश्वत के थे। जिसके बाद करीब दो घंटे की वैधानिक कारवाई के बाद शाम को आरोपी बीएमओ श्री राव को एसीबी की टीम जिला सत्र न्यायालय लेकर गई जहां देर शाम जिरह के बाद बीएमओ को जेल दाखिला कर दिया गया। महिने में लाखों की सैलरी पाने वाले बीएमओ को चंद हजार रूपए की रिश्चत लेना भारी पड़ गया। नौकरी, सम्मान, प्रतिष्ठा पर डेंट लगा सो अलग। वो कहते हैं न कि लालच बुरी बलाय।

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