कब तक छला जाएगा राजिम, न जिला बना, न मंत्री पद मिला
राजिम । छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ नगरी राजिम को जिला बनाने की उम्मीद को लेकर क्षेत्र के लाखों जनता मुख्यमंत्री की ओर निहार रहे थे लेकिन उन्होंने जिले के मामले पर कहा कि अभी मैं जिला नहीं बना सकता। इस बात को लेकर बुधवार को भी क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म रहा। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे। भाजपा ने जिस समय 9 जिला बनाया उसमें राजिम का नाम ही नहीं था। क्षेत्र की जनता राजिम को जिला के रूप में देखना चाहते हैं पिछले कई वर्षों से संत कवि पवन दीवान राजिम जिला की मांग राजधानी भोपाल से लेकर रायपुर में कई बार कर चुके थे। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी नवापारा राजिम प्रवास पर आए थे तो उस समय वह जिला की घोषणा करने ही वाले थे परंतु किसी बात पर सहमति न बनने के कारण मामला अटक गया और अभी तक राजिम जिला का क्रम नहीं आया है। इन 32 सालों में अनेक बदलाव हुए। छत्तीसगढ़ राज्य बना। 16 जिला से 33 जिला हो गए। खुद विधायक राजिम जिला की आवाज जोर शोर से बुलंद करने वाले थे उन्होंने एक शब्द नहीं बोला और चुप्पी साधे रहे। मुख्यमंत्री ने तो जिले की बात पर स्पष्ट कर दिया कि मैं अभी जिला नहीं बना सकता। उसे क्रियान्वयन करने में समय लगता है। कुछ लोगों को यह बात अच्छी लगी कि मुख्यमंत्री ने बात को क्लियर कर दिया लेकिन अब लाखों जनता की उम्मीद का क्या होगा वह तो राजिम को जिला के रूप में ही देख रहे हैं। भविष्य का 34 वा जिला राजिम बनेगा यह दिमाग में घर कर गया है। अभी भी यहां की जनता को भूपेश पर भरोसा है कि अभी नहीं तो मेला के समय जरूर जिला की घोषणा करेंगे। जानकारों की माने तो राजनीतिक हलकों में यह बात तेजी के साथ उभरकर सामने आ रही है कि राजिम के जिला नहीं बनने से विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है क्योंकि भाजपा ने सन् 2012 में राजिम को जिला नहीं बनाया तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस के अमितेश शुक्ला ने 58000 के सर्वाधिक वोटो से जीत दर्ज की। वर्तमान में अमितेश जिले के मामले में चुप्पी साधे रहे इससे जनता की नाराजगी देखी जा रही है। हो सकता है आने वाले चुनाव में राजिम विधानसभा की तस्वीर बदलने में देर नहीं लगेगी। चूंकि बच्चे, युवा, उम्र दराज लोग, महिलाएं सभी की राजिम जिला की मांग प्राथमिकता क्रम पर हैं। स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी तो यही कह रहे हैं की जिला नहीं तो वोट नहीं। खैर तरह-तरह की बातें चल रही है। जिले के मामले में अब क्षेत्र के लोग क्या रणनीति बनाएंगे यह समय की गर्त पर छुपी हुई है। मुख्यमंत्री के घोषणा नहीं करने के बाद जिले की मांग और तेज होती दिख रही है। हर एक की जुबान से मुख्यमंत्री के जाने के बाद से लगातार चौक चौराहे या फिर सोशल मीडिया पर राजिम जिले की ही बात हो रही है चर्चा का बाजार गर्म है। चौराहे पर एकत्रित कुछ लोग ने कहा कि सीएम ने राजिम को कोई बड़ी सौगात नहीं थी बल्कि वह 2 दिनों तक राजिम में रहे। हरि और हर का दर्शन किए उसके बाद भी जिला की घोषणा नहीं की। यह तीर्थ नगरी का दुर्भाग्य है। क्षेत्र की जनता के साथ में धोखा हो रहा है। कुछ ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के बड़े नेता राजिम में आकर चुनाव प्रचार की उस समय उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि आप विधायक नहीं मंत्री चुन रहे हो। कांग्रेस की सरकार बनी और राजिम विधानसभा क्षेत्र से चुने हुए प्रतिनिधि अमितेश शुक्ला को मंत्री तक नहीं बनाया इससे लोग नाराज तो रहे। यह नाराजगी हो सकता है जिला बनने से दूर हो जाती लेकिन जिला का घोषणा नहीं होना लोगों को जमकर खल रही है।