एनएच किनारे नाली निर्माण कछुआ गति से, बारिश का पानी गांव में घुसेगा
पाडुंका । अभनपुर से गरियाबंद तक नेशनल हाईवे 130सी का चौड़ीकरण पहले फेज में राजिम से पोंड तक के लिए कार्य पिछले एक साल से चल रहा हैं। मार्ग का निर्माण कोपरा तक लगभग पूर्ण किया जा चुका हैं। वही, इसी मार्ग के किनारे आबादी क्षेत्र के गांवो में पानी निकासी के लिए बनाए जा रहे नाली निर्माण कार्य मे ठेकेदार द्वारा खुलकर भ्रस्टाचार को अंजाम दिया जा रहा हैं। सुरसाबांधा सहित कुछ गांवों में नाली निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने के कारण अभी तक पूरा नहीं किया गया हैं। जबकि मानसून कभी भी दस्तक दे सकता हैं। ऐसे में बारिश का पानी गलियों व मार्ग किनारे घरों में घुसेगा। जिससे लोगों का जीना दूभर हो जाएगा। वही, नाली निर्माण के गुणवत्ता पर अभी से सवाल खड़े होना शुरू हो गया हैं। क्योंकि जहां पर नाली निर्माण हो चुका हैं, वहां की नालियां अभी से टूटना शुरू हो गया हैं। इसी तरह नाली निर्माण में मटेरियल सही तरीके से नही डालने व टूटे सेंट्रिंग प्लेट के उपयोग के कारण निर्माणाधीन नाली में छड़ ऊपर से ही दिखाई दे रहा हैं। जिसका ग्रामीणों द्वारा शिकायत के बावजूद अब तक मरम्मत नही किया गया हैं। मतलब जो छड़ पूरा मटेरियल नही डालने से दिखाई दे रहा हैं, वही छड़ बाद में दुर्घटना का कारण भी बन सकता हैं। वही, अनेक स्थानों पर अभी से ही दरारे पडऩा शुरू हो गया हैं। जिसे छुपाने संबंधित ठेकेदार द्वारा दरार को छुपाने सीमेंट की घोल डाल रहे हैं। वही, इस नाली निर्माण में पानी तराई नही किये जाने के कारण उक्त नाली की गुणवत्ता पर अभी से सवाल खड़े होना शुरू हो गया हैं। यह सब कार्य विभाग के अधिकारियों व इंजीनियर के कार्य स्थल में नही आने के कारण हो रहा हैं। कुछ लोगों ने नाली निर्माण पर शिकायत करते हुए बताया कि नाली निर्माण के पूर्व जमीन को ठीक से खोदा भी नही जा रहा हैं। इससे बारिश के दिनों में पानी निकासी में समस्या होने के साथ मार्ग का पूरा पानी गांवों की गलियों में घुस जाएगा। तब स्थिति ग्रामीणों के लिए भयावह बन सकता हैं। इस संबंध में संबंधित विभाग के सब इंजीनियर एनएस कंवर से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि अभी कार्य प्रगति पर हैं, इस दौरान कुछ शिकायतें तो आएगा ही, जिसे सुधार किया जाता हैं।