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पूरी ताकत झोंकने से न हटें पीछे खिलाड़ी

क्रिकेट: बांग्लादेश-भारत एक दिवसीय श्रृंखला, मेजबान की धमाकेदार जीत

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
खेलकूद के मुकाबले में अंतत: दो ही परिणाम आते हैं। एक किसी की जीत होती है तो दूसरे को पराजय मिलती है। मजेदार बात यह है कि प्रशंसक, दर्शक भी आमतौर पर किसी एक पक्ष का साथ देते हैं। इसमें प्रमुखत: स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी एक पक्ष को समर्थन दिया जाता है। भारत की क्रिकेट टीम इन दिनों बांग्लादेश की यात्रा पर है जिसमें तीन एकदिवसीय जबकि दो पांच दिवसीय टेस्ट मैच मेजबान टीम के विरूद्ध खेलना है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के द्वारा जारी विश्व रैंकिंग क्रम के आधार पर एकदिवसीय मैच में भारत को चौथी साथ ही बांग्लादेश को सातवीं रैंकिंग प्राप्त है। अभी हाल ही में मौसम की मार झेलती हुई भारत की टीम न्यूजीलैंड के विरूद्ध एकदिवसीय श्रृंखला में मेजबान से 0-1 से पराजित हो चुकी है। इसकी कई वजह है जिसमें मुख्य यही है कि भारत के प्रमुख खिलाड़ी रोहित शर्मा, विराट कोहली आदि को विश्राम दिया गया था। उस टीम में युवा, उदयीमान खिलाड़ियों को अवसर दिया गया। 11 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस के तापमान में न तो हमारे खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिलता है न ही वे ऐसी परिस्थिति में खेलने के अभ्यस्त हैं।
वरिष्ठ अनुभवी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में जो नतीजा न्यूजीलैंड में आया वह निराशाजनक रहा क्यों कि असफलता इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है और इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने वाले को खेल के प्रदर्शन के अलावा उल्लेख नहीं होने के कारण इसकी पृष्ठभूमि का कुछ भी मालूम नहीं होता। न्यूजीलैंड से लौटकर भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश के प्रवास पर है। इस टीम में सभी प्रमुख खिलाड़ी हैं। तीन एकदिवसीय मैच की श्रृंखला के पहले दो मैच को बांग्लादेश की टीम ने जीतकर श्रृंखला को अपने नाम कर लिया है। दोनों ही मैच बेहद रोचक थे। दोनों मैच ढाका में खेले गये। पहले मुकाबले में 187 रन का पीछा करते हुए मेजबान टीम ने एक समय 136 रन पर नौ विकेट खो दिये थे परंतु फिर बिना नुकसान उठाये 187 रन ठोक दिये। गेंदबाज आलराउंडर मेहिदी हसन मिराज ने 39 गेंदों में 38 तथा मुस्ताफिजुर ने 11 गेंदों में 10 रन का अमूल्य योगदान दिया। पहले एकदिवसीय के विपरित दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी की और 69 रन पर 6 विकेट गंवा दिये लेकिन इसके पश्चात आलराउंडर मेहिदी हसन मिराज का बल्ला एक बार फिर चला और उन्होंने न सिर्फ 83 गेंदों पर 100 रन बनाकर अपने जीवन का पहला शतक लगाया बल्कि टीम का स्कोर 271 तक पहुंचा दिया जिसे भारतीय टीम पार नहीं कर सकी। इस तरह पहले दो भिड़ंत बांग्लादेश के पक्ष में चले गये। क्रिकेट हो या कोई भी खेल हो अब जय-पराजय का पहले से अनुमान लगा पाना कठिन है। अपनी टीम के लिए जब तक प्रत्येक खिलाड़ी सौ प्रतिशत नहीं देता तब तक सफलता की उम्मीद बेमानी है। भारतीय टीम के चयन को लेकर विवाद उछालने वाले अपना काम करेंगे परंतु खिलाड़ियों को अपने देश को मान सम्मान का ध्यान रखते हुए प्रदर्शन करते रहना चाहिए।

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