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छत्तीसगढ़

हाथियों का दल पहुंचा तमता तो ग्रामीण दहशत में

पत्थलगांव/तमता। ग्राम बालाझार के करीब 40 हाथियों के दल का पहुंचते ही ग्रामीण दहशत मे आ गये। कृषक रातभर चौकीदारी कर अपनी फसल बचाने की कोशिश मे लगे हुये है,उसके बाद भी हाथियों के एक दल से अलग होकर एक नर हाथी ने बालाझार के घुनाराम के मकान को तोडकर वहा रखे अनाज को भी खा लिया। उक्त घटना को अंजाम देने के बाद हाथी वापस अपने दल के पास जंगल की ओर निकल गया। हाथियों के भय से बालाझार के अलावा तमता,खरखटटा, खारढोढी, पंडरीपानी, शेखरपुर, रघुनाथपुर के कृषक रात भर जागकर खेत एवं खलिहान मे रखी फसल की रखवाली कर रहे है,इन दिनो क्षेत्र मे हाथियों की दहशत एवं उनके द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान का अंाकलन कही से भी कम नही हो रहा। हाथियों का दल लगातार क्षेत्र मे विचरण कर रहा है,जिसके कारण किसानो की चिंता बढी हुयी है,इन दिनो किसान अपने खेतो मे फसल की कटाई करने मे लगे हुये है। कुछ किसानो की फसल खलिहानो तक भी पहुंच चुकी है,ऐसे मे हाथी खेतो के अलावा खलिहान एवं घर के अंदर रखे अनाज को भी नुकसान पहुंचा रहे है। बालाझार के कृषक का मकान पूरी तरह से तोडने के बाद घर मे रखे अनाज को भी चट कर दिया। तमता के रहने वाले राहुल बरेठ ने बताया कि 40 हाथियों का दल तमता के आस-पास क्षेत्र मे विचरण कर रहा है। उनके आने की खबर सुनकर क्षेत्र के कृषक रात भर अपने खेतो मे रखवाली कर रहे है। उन्होने बताया कि हाथियों के दल का तमता क्षेत्र मे प्रवेश करते ही लोगो मे दहशत व्याप्त हो गयी,जिस जंगल मे हाथी डेरा डाले हुये थे वहा ग्रामीणो की काफी भीड इकटठा हो गयी थी,किसी तरह वनविभाग की टीम ने ग्रामीणो को हाथियों के पास से दूर भेजा।।
वनविभाग की कॉलर आईडी हुई फैल-क्षेत्र मे हाथियों की आवक जानने के लिए पिछले कुछ वर्ष पूर्व वनविभाग ने हाथियों के दल को एक चिन्हांकित नाम देकर उनमे कॉलर आई.डी. लगायी थी,जिससे क्षेत्र मे उस दल के हाथियों के आते ही वनविभाग को पता लग जाता था,परंतु पिछले कुछ महिनो से हाथियों के दल मे लगायी गयी कॉलर आई.डी. किसी प्रकार के संकेत नही दे रही है। वनविभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा कॉलर आई.डी. के टूटने की वजह से हो रहा है। वनविभाग यदि पुन: हाथियों के दल मे कॉलर आई.डी लगाती है तो बहुत हद तक उनकी आमदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

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