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खेल – मनोरंजन

क्रिकेट में भारत के दबदबे का यही है लाभ?

इंडियन प्रीमियर लीग 2024, क्रिकेट के टी-20 प्रारूप की सबसे लोकप्रिय चैंपियनशिप

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
कपिलदेव के नेतृत्व में 1983 के क्रिकेट विश्वकप में भारत का सिरमौर बनना भारतीय खेल जगत का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। रही सही कसर 1987 में भारत में आयोजित विश्वकप ने पूरी कर दी जब भारत में इस स्पर्धा को रंगीन टेलीविजन द्वारा दिखाया गया। क्रिकेट की चमक के आगे बस खेल फीके पड़ गये हालांकि उन्हीं दिनों में एथलेटिक्स में पीटी उषा, टेनिस में लिएंडर पेस, रमेश कृष्णन, शतरंज में विश्वनाथन आनंद खेलकूद में हमारे देश के गौरव बने हुए थे। आगे चलकर 21वीं सदी में क्रिकेट का जादू ऐसा छाया कि यह सिर्फ एक खेल न होकर धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप धारण कर लिया और रोजमर्रा के जरूरी सामान के उत्पादकों के लिए अपने उत्पाद को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बन गया। 20वीं सदी तक क्रिकेट के सिर्फ दो प्रारूप हुआ करते थे एक पांच दिवसीय टेस्ट मैच, दूसरा 50-50 ओवर के सीमित ओवर का मुकाबला। क्रिकेट खेल के दौरान एक ओवर की छ: गेंद फिर एक ओवर के बाद के मिलने वाले अंतराल ने क्रिकेट से धन कमाने वालों की आंखे चौधिया दी। इसके पश्चात 2004-05 में टी-20 एक दिवसीय प्रारूप का पदार्पण हुआ। टी-20 क्रिकेट प्रारूप आने के बाद क्रिकेट खेल की कलात्मकता, खूबसूरती धरी की धरी रह गई। अब तो गेंद व बल्ले के बीच दे देना दना का खेल शुरू हो गया। रंगीन टेलीविजन से हटकर मोबाइल और अत्याधुनिक स्क्रीन वाले यंत्र जब आम लोगों के हाथ में पहुंच गये तो क्रिकेट देखने वालों की संख्या बड़ी तेजी से बढऩे लगी। अब तो क्रिकेट मैच में गेंद व रन की तुलना होने लगी। खेल का स्वरूप बदल गया एक से एक बलशाली क्रिकेटर मैदान में आ गये स्थिति यह हो गई आज 35 गेंद से 33 गेंद में शतक बनाने वाले की संख्या 5 हो गई। कम से कम गेंद में शतक बनाने के रिकार्ड 150-160 दिनों में टूटने लगे। हाल ही में नामीबिया के जान निकोल लाफ्टी ईटन ने नेपाल के विरूद्ध सिर्फ 33 गेंद में शतक ठोककर कमाल कर दिया। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए स्पष्ट है कि क्रिकेट के खेल में पिछले 20 वर्षों में बदलाव आये हैं। उसका सीधा लाभ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और भारत के साथ विभिन्न देशों के अधिकृत क्रिकेट संघों को मिला है। इसकी वजह से मान्यता प्राप्त देशों के खिलाडिय़ों, प्रतियोगिता आयोजकों, निर्णायकों, प्रशिक्षकों, प्रबंधकों, सहयोगी सदस्यों को आर्थिक लाभ हुआ है। भारतीय क्रिकेट के सचिव जय शाह एशियाई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं। इसका सीधा लाभ भारत में आईपीएल आयोजित करने वालों को मिल रहा है। अब देखिए कभी किसी स्पर्धा के सिर्फ आधे मुकाबले की समय सारिणी जारी होती है? लेकिन भारत के क्रिकेट के प्रभावी पदाधिकारियों तथा भारत में इंडियन प्रीमियर लीग जैसी स्पर्धा से प्राप्त बड़ी धन राशि सब कुछ करवा पाने में कामयाब है। इस वर्ष 22 मार्च से आईपीएल चैंपियनशिप की शुरुवात होगी पर अंत कब होगा अभी तय नहीं है। पहले 17 दिनों में 21 मैच खेले जायेंगे। दूसरी तरफ आगामी 1 जून से 29 जून 2024 तक वेस्टइंडीज व संयुक्त राज्य अमेरिका में नौंवी टी-20 की विश्वकप स्पर्धा होगी। भारत का विश्व में इस तरह का दबदबा शायद पहले कभी नहीं रहा। फिर भी प्रश्न यह उठता है कि किसी टूर्नामेंट के आयोजन की घोषणा इस तरह किश्तों में करना कितना उचित है?

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