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खेल – मनोरंजन

शिक्षा मंत्री का निर्णय साबित होगा मील का पत्थर

छत्तीसगढ़ खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए व्यायाम शिक्षकों की भर्ती स्वागतेय कदम

जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
एक अच्छा खिलाड़ी यू ही तैयार नहीं होता है या फिर कोई भी बन नहीं जाता है। इसके लिए व्यक्ति विशेष में खेल के प्रति लगाव के अलावा मानसिक व शारीरिक मजबूती जरूरी होती है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ। इसके साथ ही उदयीमान खिलाडिय़ों में तथा जो खिलाड़ी खेल को अपना कैरियर बनाना चाहते थे उनमें आशा की किरण जगी, उन्होंने सोचा चलो अब हम अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और हमें हमारे परिवार, समाज, राज्य व देश का नाम रौशन करने का सुअवसर मिलेगा। इस तरह हमारे प्रदेश के बच्चे, किशोर, युवा सभी ने पिछले 23 वर्षों के दौर को बड़ी उम्मीद से जिया। सफलता या असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रदेश के प्रतिभागियों ने अनेक खेलों की कई स्पर्धाओं में भाग लिया और दमखम के साथ पदक हासिल करने का प्रयास किया इसमें कोई खास कमाल नहीं हुआ। अब जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण को 23 वर्ष हो चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाडिय़ों ने हाकी, बैडमिंटन, भारोत्तोलन, फुटबाल, तीरंदाजी, टेनिस, बास्केटबाल, व्हालीबाल, तैराकी, हैंडबाल, मार्शल आर्ट, कुश्ती, एथलेटिक्स, क्रिकेट, नेटबाल, शतरंज आदि कुछ खेल हैं जिनमें प्रदेश के खिलाडिय़ों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। यकीन मानिए छत्तीसगढ़ में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की कोई कमी नहीं है। बस जरूरी है उनकी सही देखरेख की। इसके लिए खेल विभाग में ऐसे अधिकारियों की आवश्यकता है जो कि खेल के क्षेत्र की प्रतिभागियों की जीत-हार की ईमानदारी से समीक्षा कर सके। खेलकूद के क्षेत्र में पदक प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संबंधित खेल के प्रशिक्षकों तथा खेल संबंधी जानकारी रखने वाले शिक्षकों की आवश्यकता है। हमारे प्रदेश में पिछले 23 वर्षों में व्यायाम शिक्षकों, खेल में स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। हमारे प्रदेश में विभिन्न खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है लेकिन उन्हें दिशा देने वाले, उनकी कमियों को दूर करने वाले प्रशिक्षक नहीं है। 2023 से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई है। इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रीमण्डल के साथी बृजमोहन अग्रवाल जैसे सुलझे हुए व्यक्तित्व के राजनेता को शालेय तथा उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। छात्र नेता से राजनीति में कदम रखने वाले बृजमोहन अग्रवाल जैसे जागरूक जनप्रतिनिधि ने खेल के क्षेत्र में उपलब्धि का अध्ययन किया है। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हमारे प्रदेश में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए शालेय व महाविद्यालय स्तर पर खेल शिक्षकों की भर्ती जरूरी है। छात्र-छात्राओं को सही खेल दिशा में ले जाने के लिए उनका विशेष महत्व है। बृजमोहन अग्रवाल का यह निर्णय छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। हमारे राज्य में अनेक बेरोजगार खेल शिक्षक, खेलों के प्रशिक्षक मौजूद हैं उन्हें रोजगार तो मिलेगा ही वे प्रदेश के खेल परिदृश्य को बदलने में कामयाब होंगे। सौ बात की एक बात अच्छे खिलाड़ी बनने के लिए अच्छे प्रशिक्षक की जरूरत होती है। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री की इस घोषणा से प्रदेश में खेल से जुड़े समस्त लोगों के लिए उत्साह का संचार हुआ है। विशेषकर ऐसे विद्यार्थी या बच्चे, किशोर, युवा जो या जिनके अभिभावक खेलों में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए आने वाला समय उज्जवल होगा। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से प्रदेश का नाम खेल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा इसमें कोई दो मत नहीं।

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