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खेल – मनोरंजन

कुश्ती के सितारों को पहुंची मानसिक क्षति का जिम्मेदार कौन?

2023 में साल भर चलता रहा कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच विवाद

जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे देश में खेलों के संचालन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ दिल्ली अर्थात् इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन न्यू देलही (आईओए) सबसे प्रमुख भूमिका निभाती है। आम तौर पर क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, गोल्फ, निशानेबाजी, घुड़सवारी आदि अनेक खेल है जिनमें आमतौर पर मध्यमवर्गीय परिवार के खिलाड़ी भाग ही लेते हैं। एक तो धन का अभाव दूसरी बात उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाने के कारण ये खिलाड़ी दूसरे पर निर्भर होते हैं। यहां तक उनके अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षकों तथा संघ के सदस्यों के हाथों सौंप देते हैं। हमारे देश में महिला खिलाडिय़ों के साथ यौन उत्पीडऩ की घटना सामने आती रही है। जब से ओलंपिक संघ में लिंग भेद को समाप्त करते हुए इस प्रतियोगिता के विभिन्न इवेंट में महिला, पुरुष वर्ग के प्रतिभागियों की संख्या को बराबर-बराबर करने की नीतिगत निर्णय लिया गया है तब से भारत में स्त्री खिलाडिय़ों के साथ यौन उत्पीडऩ की घटनाएं ज्यादा प्रकाश में आने लगी है। भारतीय पहलवानों ने 21वीं सदी में अंतर्राष्ट्रीय सतर पर शानदार प्रदर्शन किया है। इसकी प्रमुख वजह कम उम्र में भी लड़के व लड़कियों को चुनकर प्रशिक्षित किए जाने की परंपरा का आरंभ होना रहा है। कुश्ती में हमारे पहलवानों ने महिला वर्ग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा खेल दिखाया है। साक्षी मलिक अब तक सबसे सफल पहलवान रही है। उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भारत के लिए कांस्य जबकि 2014, 18, 22 के राष्ट्रमंडल खेलों में क्रमश: रजत, कांस्य व स्वर्ण पदक जीता था। 18 जनवरी 2023 को भारत के खेल इतिहास में एक बड़ा विस्फोट हुआ जबकि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगट ने भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के साथ अभद्रता, यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाते हुए धरना दे दिया। इसके साथ ही हमारे देश में 2023 में खिलाडिय़ों और कुश्ती खेल संघ के बीच सालभर चलने वाला विवाद शुरू हुआ। यह सब कुछ अत्यंत घिनौनी और अक्षम्य घटना का परिणाम है। भारत के पहलवानों ने ओलंपिक खेलों में अब तक सात पदक जीते हैं जिनमें 1952 में केडी जाधव, 2008 बीजिंग और 2012 लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार ने कांस्य व रजत पदक जीता। योगेश्वर दत्त ने 2012 में कांस्य, रवि कुमार ने 2020 टोक्यो में रजत, बजरंग पूनिया ने टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता है। इस तरह की शानदार उपलब्धि के साथ जबकि हमारे पहलवान बड़ी तेजी के साथ भारत का नाम रौशन करने के लिए आगे रहे थे तभी 2023 में महिला पहलवानों के साथ न जाने कितने वर्षों से हो रहे अन्याय की ज्वालामुखी फूट पड़ी। दिसम्बर 2023 में आखिरकार भारतीय कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह सहित पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया और अब भूपिंदर बाजवा को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाया गया है इसमें पूर्व हॉकी खिलाड़ी एमएम सोमाया तथा बेडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कवर को सदस्य बनाया गया है। पूर्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती सितारों का बहुत नुकसान किया है अब नई सोच के साथ कुछ नया होने की उम्मीद है।

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