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खेल – मनोरंजन

ग्रेंड स्लेम में नई प्रतिभाओं ने किया नाक में दम

टेनिस: उदयीमान खिलाडिय़ों का जोश ला रहा है बड़ा बदलाव

जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
टेनिस का खेल 19वीं सदी के मध्य काल से बड़ी तेजी से उभरा आज स्थिति यह है कि इस खेल के सितारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी कई वजह है लेकिन इनाम के तौर पर अर्जित बड़ी धन राशि और एक मैच के लिए दो से तीन घंटे की अवधि सबसे महत्वपूर्ण है। टेनिस में चार स्पर्धाओं आस्ट्रेलियन ओपन, यूएस ओपन, विम्बल्डन और फ्रेंच ओपन का विशेष महत्व है। प्रत्येक टेनिस खिलाड़ी की चाहत होती है कि वह जीवन में कभी ना कभी एक बार अवश्य कोई भी ग्रेंडस्लेम खिताब जीते। इन दिनों टेनिस में महिला व पुरुष दोनों वर्गों के खिलाडिय़ों में एक दूसरे को पछाडऩे के लिए संघर्ष काफी बढ़ गया है और किसी ना किसी ग्रेंड स्लेम में इसका परिणाम देखने को मिलता है। 2023 में पुरुष वर्ग के नतीजे पर नजर डालने से स्पष्ट होता है कि नोवोक जोकोविच ने विंबल्डन को छोड़कर तीनों ही प्रतियोगिताओं को अपने नाम किया था। पिछले करीब 17-18 वर्षों से पुरुष वर्ग में किसी भी टाइटिल को लेकर नोवोक जोकविच, राफेल नडाल, रोजर फेडरर, कार्लोस अल्कारेज, डेनिल मेदवेदेव का ही साम्राज्य रहा। नोवाक अब 36 वर्ष, राफेल 37 के हो चुके हैं तो ये सब वैसे भी रिटायरमेंट की उम्र के पास आ चुके हैं। अब आने वाला समय 2024 के आस्ट्रेलियन ओपन के 22 वर्षीय जेनिक सीनर, 2023 के विंबल्डन विजेता 20 वर्षीय कार्लोस अलकारेज, 27 वर्षीय डेनिल मदवेदेव आदि का है। इसी तरह महिला वर्ग की बात करें तो पायेंगे कि यहां पर पुरुषों से अलग परिणाम है। टेनिस के महिला वर्ग में 2023 में बड़ा उलटफेर देखने को मिला और चारों गें्रड स्लेम में अलग-अलग खिलाडिय़ों ने सफलता पाई। आस्ट्रेलियन ओपन में अरिना सबालेंका, आइगा स्वीटेक ने फ्रेंच ओपन, मारकेरा वंडरोसोवा ने विंबल्डन जबकि कोको गॉफ ने यूएस ओपन का टाइटिल अपने नाम किया। विजेताओं ने नाम से स्पष्ट है कि महिला वर्ग में एक से बढ़कर एक विश्व स्तरीय टेनिस खिलाड़ी हैं। एक ओर जहां टेनिस के पुरुष वर्ग में जोकोविच, राफेल और फेडरर की तिकड़ी ने पिछले 17-18 वर्षों तक अपनी प्रतिभा के दम पर अन्य पुरुष खिलाडिय़ों के नाम में दम कर दिया था वहीं महिला वर्ग में सेरेना विलियम्स के 2016 से असफलता के पश्चात एंजलिक केरबर, जी मुरुगुजा, जे. ओस्टापेंको, स्लोने स्टीफंस, कारोलिन वोजनीकी, साइमोना हलेप, नाओमी ओसाका, ऐशले बर्टी, बिंका एंड्रेस्कू, सोफिया केनिन आदि खिलाडिय़ों ने ग्रेड स्लेम टूर्नामेंट में जीत हासिल की। इस तरह टेनिस में देखने में आ रहा है कि किसी खिलाड़ी की जीत निश्चित नहीं है। महिला वर्ग के बाद अब पुरुष वर्ग में बदलाव होने की संभावना है। टेनिस में इस तरह के उतार चढ़ाव से उसकी लोकप्रियता बढ़ी है। स्पष्ट है कि अब टेनिस में ताकत व धैर्य के अलावा तकनीक का विशेष महत्व है। सर्विस के साथ ही विपक्षी पर दबाव बनाने और खेल के दौरान रिटर्न के विभिन्न रूपों का अधिक से अधिक सटीक प्रयोग करना महत्वपूर्ण हो गया है।

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