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छत्तीसगढ़

मतदाताओं ने कहा-चुनाव जीतने के बाद झांकना तो दूर हाल-चाल नहीं पूछते

राजिम । विधानसभा चुनाव के 17 नवंबर जैसे तैसे नजदीक आ रहें हैं वैसे ही राजनीतिक दलों के साथ प्रत्याशियों की धड़कन तेज हो रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने तरह-तरह की घोषणाएं कर रहे हैं भले ही पूरा न कर सकें। क्षेत्र के लोगों की तरह-तरह से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। इनमें अधिकांश लोगों का कहना है कि सड़कों का हाल सभी देख रहे है ग्रामीण सड़क की मांग करते हुए नेशनल हाईवे जाम कर पक्की सड़क की मांग किया था जिसे अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। सड़कें गढ्ढों से भर गए हैं , स्कूलों में शिक्षकों की कमी, पालकों में शिक्षा को लेकर पदयात्रा तक करना पड़ा और मजबूरी में स्कूलों में ताला लगाकर विरोध कर रहे हैं तो कहीं दूसरे स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्त किए गए हैं।
वर्तमान समय में जब चुनाव है तो फिर लोगों को रिझाने तरह-तरह की घोषणाएं कर रहें। आखिर मांजरा जनता समझ रही है चुनाव जीतने के बाद पीछे मुड़कर देखना भी उचित नहीं समझते हैं पांडुका क्षेत्र में खास हस्तक्षेप रखने वाले नेताओं का दावा है कि इस बार दोनों राष्ट्रीय दलों के सकुनी सक्रिय हो गए हैं एक दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं । वहीं भाजपा से रोहित साहू की बात करें तो छोटे से छोटे समस्याओं को लेकर हमेशा जिले के आला अधिकारियों से फोन में समस्याओं का समाधान कर लोगों के बीच अच्छा पकड़ बना लिए हैं लोगों के समस्याओं को लेकर कार्यालय के घेराव के साथ जनआंदोलन कर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में सफल रहे हैं। खास बात यह भी है कि स्थानीय होने के चलते एवं सरपंच जैसे छोटे स्तर से राजनीतिक सफर करने के चलते लोगों की समस्याओं को अच्छे से समझ भी लेते है। मतदाताओं का स्पष्ट राय देखने को मिल रहा है कि हम अपने नजदीक के व्यक्ति का समर्थन करेंगे। कौन राजधानी के चक्कर में फंसे। हमने देख लिया कि कोरोना काल में विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं था। क्योंकि हमारा विधायक तो रायपुर में ही पूरा 2 साल गुजार दिए एक बार भी जनता की हाल-चाल जानने के लिए नहीं आया ऐसे लोगों से किनारा कर लेना ज्यादा अच्छा है। तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है कांग्रेस पूरी दम लगा दिए हैं तो भाजपा दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। लेकिन अब 3 दिन ही शेष बचे हुए हैं चौथे दिन मतदाताओं को अपने मतों का प्रयोग कर विधायक चुना है इन तीन दिनों में कौन किसको कितने रिझा पाए हैं। यदि हम राजिम विधानसभा की इतिहास को झांके तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से लेकर लगातार चार विधानसभा चुनाव में दो भाजपा तो दो कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है। सन 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहु मत से जीत मिली थी। इस बार भी क्या वह उसे बरकरार रख पाएंगे या फिर तिनके की भांति उड़ जाएगी ।

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