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छत्तीसगढ़

कोरोना पर सस्ती राजनीति करने का समय नहीं:बंछोर

जामुल । रामेश्वरम धाम जाने के पूर्व पत्रकारों से स्टेशन पर चर्चा करते हुए जामुल नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रेखाराम बंछोर ने कहा कि कोरोना वायरस बढऩे के पूर्व ही सावधानी व सतर्कता जरूरी है। केंद्र सरकार की तर्ज पर कई राज्य सरकारों ने भी हालांकि समझ समीक्षा की और चीन सहित कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत ने जिस तरह सतर्कता बरतनी शुरू की वह उचित ही है। पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री उसके बाद प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की। इन बैठकों से देश को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अभी से कोरोना से सतर्क रहने की आवश्यकता है। जिन्होंने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है उन्हें यह लगवा लेना चाहिए। यह भी समय की मांग है की भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल किया जाए। चीन में संक्रमण गंभीर स्थिति में है इसलिए यह उचित ही है की वहां के साथ-साथ अन्य देशों में आने वाले यात्रियों का औचक परीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के ले भेजा जा रहा है ताकि वायरस की प्रकृति के बारे में समय रहते जा ना जा सके। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि चीन में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट बीएफ सेवन ने कहर मचा रखा है इस पर निगाह रखी ही जानी चाहिए लेकिन इस तथ्य की अनदेखी भी नहीं की जा सकती कि यह चीन में तो घातक सिद्ध हुआ है लेकिन भारत में नहीं चीन की परिस्थितियां भारत से भिन्न है सबसे बड़ा अंतर यह है कि वहां इस्तेमाल की गई वैक्सीन निष्प्रभावी सिद्ध हुई। विडंबना यह रही कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में बनी संदिग्ध क्षमता वाली वैक्सीन ओ को तो तुरंत मान्यता दे दी थी लेकिन भारत में बनी वैक्सीन को मंजूरी देने में हीला हवाली करता रहा। चीन के बिगड़ते हालात के बीच यह ठीक नहीं की जब भारत सरकार के साथ विभिन्न राज्य सरकारें कोरोना को लेकर सावधान रहने का संदेश दे रही है तब इसे लेकर सस्ती किस्म की राजनीति भी शुरू हो गई है। रामेश्वरम धाम जाने के लिए बंछोर के साथ मेघनाथ साहू जगदीश देवांगन और प्रशांत कश्यप गए हैं इन सभी के 3 जनवरी तक लौट आने की जानकारी बताई गई है।

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