– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
भारत में युवाओं की धड़कन बन चुका क्रिकेट की स्पर्धा किस दिशा में जा रही है? इसका अंत क्या होगा? कुछ कहा नहीं जा सकता। हाल ही में श्रीलंका और पाकिस्तान में एशिया कप क्रिकेट प्रतियोगिता 2023 सम्पन्न हुई। फाइनल में भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वी श्रीलंका की टीम को 10 विकेट से करारी मात देते हुए टाइटिल पर नियंत्रण कर लिया। अगले माह आरंभ होने वाली एकदिवसीय विश्व कप स्पर्धा के लिए इस सफलता ने भारतीय टीम का हौसला बढ़ाया है। एशिया क्रिकेट काउंसिल के तत्वावधान में यह टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। इसकी स्थापना सितम्बर 1983 को नई दिल्ली में हुई थी। वस्तुत: उसी वर्ष जून में भारत कपिल देव के नेतृत्व में पहली बार एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट चैंपियनशिप की विजेता बनी थी। एशिया में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने और इस गैर ओलंपिक खेल को बढ़ावा देने के लिए एशिया क्रिकेट काउंसिल जैसी संस्था का निर्माण हुआ था। आज इसमें 25 सदस्य देश हैं। वस्तुत: अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने एशिया कप के 47 देशों को मान्यता दी है। उनमें से जिन 25 देशों तक क्रिकेट में सदस्यता ली है उनमें भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, कंपूचिया, संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, श्रीलंका, ताजाकिस्तान, ईरान, हांगकांग, ब्रुनेई, बहरीन, चीन, ओमान, सिंगापुर, थाईलैंड, कतर, पाकिस्तान, चीनी ताइपे, सउदी अरब, म्यांमार, कुवैत, मलेशिया, मालदीव शामिल हैं। इसमें भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का सबसे पुराना सदस्य है जिसे 1926 में सदस्यता मिली थी। एशिया क्रिकेट कौंसिल के सबसे नये सदस्य कंबोडिया और तजाकिस्तान हैं। एशिया कप का आयोजन सबसे पहले 1984 में सयुंक्त अरब अमीरात के शहर शारजाह में हुई थी। यही पर एशियाई क्रिकेट परिषद का मुख्यालय भी है तथा इसके वर्तमान अध्यक्ष भारत के जय शाह हैं। यह टूर्नामेंट राउंड राबिन आधार पर खेला जाता है। इसमें भारत, श्रीलंका के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान ने भाग लिया। इस चैंपियनशिप का सबसे विवादास्पद पहलू इसके आयोजन स्थल को लेकर था। भारतीय टीम प्रबंधन ने पड़ोसी पाकिस्तान में जाकर खेलने से इंकार कर दिया। इसकी वजह से भारत के मैच श्रीलंका में आयोजित किए गए। दुर्भाग्य की बात है कि श्रींलंका में हो रही बारिश की वजह से कई मैच प्रभावित हुए। खैर यह तो मौसम की वजह से हुआ लेकिन पूर्व में घोषित स्थल में स्पर्धा का ना खेला जाना खेल व खिलाड़ी के भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है। खेलकूद का मुख्य उद्देश्य खेल भावना का सम्मान करना सबसे प्रमुख है। विभिन्न देशों के आपसी विवाद के लिए किसी चैंपियनशिप को निशाना बनाना खेल भावना का सबसे बड़ा दुश्मन है। खेलकूद के माध्यम से खिलाड़ी एक-दूसरे के करीब आते हैं एक दूसरे के संस्कृति, खान-पान, तहजीब से परिचित होते हैं। आपसी प्रेम बढ़ता है। एशिया कप क्रिकेट 2023 के दौरान जो कुछ नजारा देखने को मिला वह खेल भावना के विपरीत है। इसके लिए क्रिकेट खेल प्रशासकों को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाना होगा। क्रिकेट की लोकप्रियता के तार उससे प्राप्त होने वाले आर्थिक लाभ से जुड़े हैं। अत: कोई भी देश इससे वंचित नहीं होना चाहता। इसका सबसे अच्छा हल यही है कि ऐसे मुकाबले अब किसी स्वतंत्र स्थल पर होना चाहिए। जिससे सभी पक्ष सहमत हों। इससे खेल प्रतियोगिता में राजनीति को कोई अवसर नहीं मिलेगा। किसी पक्ष की भावना को ठेस नहीं लगेगा और जीत खेल की खेल भावना की होगी। एशिया कप 2023 में उठा विवाद बहुत ही संगीन है इसे हल करने की जिम्मेदारी सभी पक्षों की है। खुले मन से आर्थिक लाभ हानि से निकलते हुए ऐसी समस्या से निपटने के लिए खेल प्रेमियों, खेल मीडिया को भी आगे आना चाहिए।