खेल – मनोरंजन

अलग दृष्टिकोण खेलकूद में दिलायेगा सम्मान

एथलेटिक्स : बांस कूद (पोलवाल्ट) में निरंतर बनता विश्व कीर्तिमान

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
एथलेटिक्स एक ऐसा खेल है जिसे हम सभी खेलों का साथी या गुरु कह सकते हैं। एथलेटिक्स में दौडऩे, कूदने, भागने तथा उछलने केे मुकाबले होते हैं। आधुनिक ओलंपिक खेलों में सम्मिलित प्रतियोगिताओं की बात की जाए तो एथलेटिक्स ही एक ऐसा खेल है जिसमें एक खिलाड़ी को तैयार करने के लिए कम से कम खेल सामग्री की आवश्यकता होती है। अर्थात् कम खर्च में इस खेल के विभिन्न इवेंट सम्पन्न हो जाते हैं। समय के परिवर्तन के साथ एथलेटिक्स स्पर्धा अब छत के नीचे याने इंडोर तथा खुले आसमान के नीचे अर्थात् आउटडोर स्टेडियम में सम्पन्न होती है। कम व्यय, कम जगह का खेल होने के कारण यह पूरी दुनिया के सभी देशों में लोकप्रिय है। फिलहाल इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ एथलेटिक्स फेडरेशन जिसे अब वल्र्ड एथलेटिक्स के नाम से जाना जाता है। यह फेडरेशन विश्व में एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आयोजन, एथलेटिक्स खेल के उन्नयन,खिलाड़ी व संबंधित अन्य लोगों के हित का पक्षधर है। इस फेडरेशन में आज की स्थिति में संसार के 215 देशों को मान्यता दी है। एथलेटिक्स के अंतर्गत 2020 के टोक्यो ओलंपिक में पुरुष वर्ग के 24 जबकि महिला वर्ग के 23 इवेंट हुए। इनमें पोलवाल्ट एक इवेंट शामिल है। पोलवाल्ट अर्थात् बांसकूद को आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में शुरुआत 1896 से लगातार पुरुष वर्ग में जबकि सन् 2000 सिडनी ओलंपिक से अब तक शामिल किया गया है।

यह खेल बहुत ही लोकप्रिय है। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में इसे स्वीडन के आरमांड ड्यूपलेंटिस ने 6.02 मीटर की ऊंचाई तक छलांग लगाकर जीता था। आरमांड ही एक मात्र ऐसे पोल वाल्टर हैं जो कि पिछले कई दिनों से निरंतर बांसकूद में विश्व कीर्तिमान स्थापित करते जा रहे हैं। वैसे इस खेल के इतिहास पर नजर डालने से पता चलता है कि 8 जून 1912 को पहली विश्व प्रतियोगिता हुई थी उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका के मार्क राइट ने 4.02 मीटर ऊंचाई तक छलांग लागकर स्वर्ण पदक जीता था। उसके पश्चात 77 बार विश्व रिकार्ड दर्ज किया गया है। अंतिम 25 फरवरी 2023 को स्वीडन के आरमंड ड्यूप्लांटिस ने 6.22 मीटर की ऊंचाई को पोलवाल्ट से पास किया। इस तरह यह खेल बहुत ही रोचक और साहस का परिचायक है। पहले सोवियत संघ-यूक्रेन की ओर से खेलने वाले सर्जेई बुबका ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने पोलवाल्ट की लोकप्रियता में चार चांद लगाये। उन्होंने अपने खेल युग में मई 26, 1984 से लेकर 31 जुलाई 1994 तक 17 बार विश्व कीर्तिमान को ध्वस्त किया। अब स्वीडन के पोलवाल्ट के नये सितारे सिर्फ 23 वर्षीय आरमंड का पदार्पण हुआ है जो कि 8 फरवरी 2020 से 25 फरवरी 2023 तक 6 विश्व कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। यह बहुत ही गौरव की बात है। पोलवाल्ट के खेल को भारत के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी बढ़ावा देना चाहिए। यह खेल कम खर्च में कहीं पर भी खेला जा सकता है। विश्व मानचित्र पर भारत को लाने के लिए ऐसे खेलों की ओर विशेष ध्यान देना पड़ेगा। जिस तरह नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में भारत का नाम रोशन किया है। बांसकूद सही पूर्वानुमान, धैर्य की परीक्षा लेता है। हालांकि आउटडोर स्पर्धा में वातावरण, माहौल, मौसम का परिणाम में फर्क पड़ता है। हवा के तेज बहाव और तेज गर्मी, ठंड से एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाते हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसे खेल के लायक ग्रामीण वनांचल में बहुत युवा मिल सकेंगे अत: कोशिश जारी रखनी चाहिए।

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