नागपंचमी पर मंदिर में यज्ञ के दौरान भक्तों को नागदेवता के दर्शन
बचेली । नगर के प्रसिद्ध हनुमान टेकरी मंदिर में स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर में हवन पूजन का कार्यक्रम चल रहा था इसी दौरान मंदिर के छत से एक के बाद एक नागदेवता नीचे गिरने लगे जिसे देख भक्तगगण चौंक गए। नागों ने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया और थोड़ी देर के बाद सभी नाग जंगल की ओर चले गए। यह घटना बीते सोमवार की है उस दिन नागपंचमी भी था तथा चंदयान-3 की सफलता के लिए भी हवन यज्ञ में आहुति डाली जा रही थी। हनुमान मंदिर टेकरी मंदिर के पंडित वेद प्रकाश पाण्डेय ने जानकारी देते बताया कि 21 अगस्त 2008 को हनुमान टेकरी मंदिर की स्थापना हुई थी। मंदिर के 15 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर में सुबह नगरवासियों के सहयोग से हनुमान चालिसा एवं सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया था। इसी दिन संयोग से नागपंचमी भी था और दिन भी सोमवार था इस लिहाज से 21 अगस्त का दिन पूजा पाठ के लिए काफी महत्वपूर्ण था। बता दें कि 23 अगस्त को चंद्रमा की धरती पर हमारा चंदयान 3 भी कदम रखने वाला था। चंदयान 3 की चांद की जमीं पर सफल लैंडिंग के लिए एनएमडीसी सिविल विभाग के प्रमुख मधु मोहन अग्रवाल जी की ओर से भी हवन रखवाया गया था। पंडित वेद प्रकाश पाण्डे ने बताया कि जैसे ही महामृत्युंजय मंत्र के साथ हवन शुरू हुआ और पहली आहूति डाली गई उसी दौरान मंदिर के छत से एक नाग देवता हवन करवाने वाले यजमान के कांधे पर आकर गिरे और बिना नुकसान पहुंचाए नीचे उतर कर यजमान के बगल में आसन में आकर बैठ गए। नागदेवता को देख सभी चौंक गए और डर से उठने लगे तभी पंडित जी ने सभी को शांत होकर अपनी अपनी जगह पर बैठने को कहा कुछ चंद सेकण्ड बाद ही छत से एक के बाद एक नागों की वर्षा शुरू हो गई। चार और नागदेवता नीचे आ गए और हवन कुण्ड के पास कुंडली मारकर बैठ गए। नागपंचमी के पावन अवसर पर हवन-पाठ के दौरान नागदेवता का अचानक से एक के बाद एक प्रकट होना और उन्हें साक्षात देखने का अवसर प्राप्त कर उपस्थित भक्तगणों में दोहरी प्रसन्नता छा गई। सभी ने सिर झुकाकर नागदेवता को प्रणाम किया जिसके बाद सभी नागदेवताओं को पूरी सहजता एवं सावधानी के साथ जंगल में छोड़ दिया गया। जिसके बाद हवन पूजन कर कार्यक्रम का समापन किया गया। मंदिर की स्थापना दिवस तथा नागपंचमी के दिन मंदिर में हुई नागवर्षा की खबर पूरे शहर में तेजी से फैल गई जिसके बाद मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा। नागदेवता के दर्शन करने वाले भक्तों ने कहा कि नागपंचमी के पावन दिन में इतने सारे नागदेवता के साक्षात दर्शन कर हमारा जीवन धन्य हुआ।