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छत्तीसगढ़

गौठान में मर रहे पशु,न सही इलाज न पेट भर दिया जा रहा चारा

दंतेवाड़ा । प्रशासन के निर्देश पर नगर पालिका दंतेवाड़ा द्वारा अभियान चलाकर सड़कों पर आवारा घुमने वाले पशुओं की धरपकड़ की जा रही है जिसके तहत पशुओं को काउकेचर के माध्यम से पकड़कर गौठानों में रखा जा रहा है जो स्वागतयोग्य है। देर से ही सही पालिका को आखिरकार प्रशासन ने कुंभकर्णी नींद से जागने पर मजबूर किया जो प्रशंसनीसय है। वहीं दूसरी ओर गौठानों में रखे गए पशुओं को पर्याप्त चारा नहीं मिलने व बीमार गायों का ईलाज भी सही समय पर नहीं कराने के चलते कुछ जानवरों के मौत होने की भी खबर है। गौरतलब है कि जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार ने समीक्षा बैठक में नगर पालिका को निर्देश देते कहा था कि सड़कों पर आवारा घुमने वाले पशुओं को पकड़कर कांजी हाउस या पास के गौठानों में रखा जाए। आदेश का पालन हो भी रहा है पशुओं को पकड़ पकड़क वार्ड नंबर 12 नयापारा के गौठानों में रखा गया है। आज की तारीख में भी करीब 20 से 22 पशु गौठान में मौजुद हैं। इन पशुओं को रखा तो गया है सही जगह पर मगर इनके लिए पालिका द्वारा पर्याप्त हरा चारा व दाना भूसी की व्यवस्था नहीं की गई है। आज जब गौठान पहुंच जायजा लिया गया तो यहां के चौकीदार पतिराम पोडियाम ने बताया कि भूसी कल से खत्म हो गया है अब तक भूसा नहीं लाया गया है। पतिराम ने बताया कि केवल भूसी की बोरी ही उपलब्ध करवाया जाता है भूसी के साथ मिलाकर देने वाली चुनी नहीं दे रहे । गौठान के आसपास उगी हुई कुछ हरे चारे को काटकर जानवरों को दे रहे हैं मगर ये पर्याप्त नहीं होता। पतिराम ने बताया कि बीते दो माह के अंदर अब तक 4 जानवरों की मौत हो चुकी है। उन्होने बताया कि एक बछिया की मौत आज ही हुई है। जिनके पशुओं की मौत हुई है उन्होने पालिका अधिकारी पर आरोप लगाते कहा है कि पशुओं को पकड़कर रखने से पशुओं का भला नहीं होगा जब तक उन्हें पेट भर चारा नहीं दिया जाएगा तो वे कैसे जिन्दा रहेंगे। चारा के नाम पर अलग से रूपए लिए जा रहे हैं है बावजूद भरपेट चारा जानवरों को नहीं खिलाया जा रहा है। पेट भर चारा पशुओं को नहीं मिलने की वजह से जानवरों की मौत हो रही है यह आरोप पशुपालकों ने लगाया है। गौठान में न घास की व्यवस्था है न पैरा की। पशुपालकों ने कहा कि घुम घुमकर हरे चारे खाने के लिए हम दिन में पशुओं को छोड़ देते हैं बस सही हमारी गलती है।
– गौठान में आवारा पशुओं को रखने की कारवाई निरंतर चल रही है। पशुपालक पालिका में निर्धारित शुल्क जमा कर अपने जानवर ले जा रहे हैं। पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा दाना नहीं मिलने की बात गलत है। बीमार गायों का भी वेटनरी चिकित्सक समय समय पर आकर ईलाज कर रहे हैं। पशुओं की देखभाल के लिए हरवक्त 2 कर्मचारी वहां मौजुद होते हैं। जिन पशुओं की मौत हुई है वे किस कारण से मरे हैं इसकी सही जानकारी वेटनरी डॉक्टर ही दे पाएंगे।
(राजेश कुमार)
गौठान प्रबंधक दंतेवाड़ा
नगर पालिका परिषद

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