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छत्तीसगढ़

जिले के मात्स्यिकी महाविद्यालय से डिग्री लेकर निकल रहे विद्यार्थियों को सरकार नहीं दे पा रही नौकरी: विरेन्द्र साहू

कवर्धा। प्रदेश के युवाओं को मात्स्यिकी शिक्षा से जोड़कर उन्हें मत्स्यकी विभाग में नौकरी दिलाने तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर किसानो की आय बढ़ाने और लोगों को रोजी-रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के बाद से प्रदेश में मत्स्य विभाग का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में प्रदेश का प्रथम मात्स्यिकी महाविद्यालय प्रारंभ किया गया है और बाद में एक मात्स्यिकी पॉलीटेक्निक कॉलेज दुर्ग जिले के धमधा में प्रारंभ कराया गया। लेकिन हैरानी की बात है कि प्रदेश के मत्स्यकी विभाग में वर्षो से रिक्त पड़े सैकड़ो अधिकारी कर्मचारियों के पदों को भरने आज तक मौजूदा सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है। जबकि कबीरधाम जिले में संचालित मात्स्यिकी महाविद्यालय तथा धमधा के मात्स्यिकी पालीटेक्निक कॉलेज से हर साल सैकड़ो विद्यार्थी डिग्री लेकर निकल रहे हैं और सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर प्रदेश की भूपेश सरकार को घेरते हुए जिला भाजपा के महामंत्री तथा जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार युवाओं की हितैषी बनकर उनके विकास तथा उत्थान की बात करती है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश व जिले के शिक्षित कुछ बेरोजगारों को बेराजगारी भत्ता देकर अपने हांथ खड़े कर रही है। जबकि आज प्रदेश के सरकारी विभागों में सैकड़ो पद रिक्त पड़े हैं और शिक्षित बेरोजगार युवक-युवति योग्यता तथा संबंधित डिग्री, डिप्लोमा होने के बाद भी नौकरी पाने दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 23 साल से मछली पालन विभाग में रिक्त पड़े सैकड़ों पद : जिला भाजपा के महामंत्री तथा जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 22 साल बाद भी मछली पालन विभाग में कर्मचारियों व अधिकारियों की भारी कमी है। वर्तमान में विभाग में सभी श्रेणियों के करीब 800 पद स्वीकृत हैं, जबकि 549 ही सेवा दे रहे हैं, वहीं विभाग में सेटअप के अनुसार 251 पद खाली हैं इसके अलावा लगातार अधिकारी-कर्मचारी सेनावृत्त हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक मछली पालन विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मचारियों के पास 2 से 3 विकासखंडों का प्रभार है। लगभग 4 साल से मत्स्य निरीक्षक की वेकेंसी भी नहीं निकाली गई है। स्टॉफ की कमी से मत्स्य किसानों को योजनाओं की सही जानकारी नहीं मिल रही है, जिससे मत्स्य किसान दलालों के चक्कर मे आकर सही गुणवत्ता के मछली बीज व पैदावार के बाद उचित लाभ से वंचित रह जाते है।
मात्स्यिकी महाविद्यालय से हर साल निकल रहे सैकड़ो डिग्रीधारी विद्यार्थी: जिला भाजपा के महामंत्री तथा जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने बताया कि प्रदेश मे वर्तमान में एकमात्र मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा जिले में स्थित है, तथा एक मात्स्यिकी पालीटेक्निक कॉलेज धमधा में स्थित है जहां मछली पालन से संबंधित कोर्स की पढ़ाई होती है। इन संस्थानोसे अभी तक सैकड़ों डग्रीधारी निकल चुके हैं, जिसमे से करीब 90 प्रतिशत डिग्रीधारी रोजगार पाने के लिए भटक रहे है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि इन विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के मत्स्य विभाग में रिक्त पद होने के बाद भी प्रदेश सरकार की निरंकुशता के चलते नौकरी नहीं है।

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