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छत्तीसगढ़

कटंगतरई के किसान खरबुजे की खेती में हुए मालामाल

पत्थलगांव । इस साल की भीषण गर्मी मे खरबुजा की खेती करने वाले किसानो को मालामाल कर दिया,इन किसानो की माने तो रसीले खरबुजो को देखकर आस-पास के लोगो के अलावा दूर दराज से भी मंडी मे खरबुजा खरीदने वाले सैकडो की तादाद मे ग्राहक पहुंच रहे है,इस कारण किसानो को खरबुजा बेचकर बढिया मुनाफा मिल रहा है। कटंगतरई के किसान बताते है कि गर्मी की प्रचंडता के साथ ही खरबुजो मे मिठास और बढ जाती है,इस कारण इन दिनो यहा की मंडी मे सुबह के दौरान खरबुजा की फसल पहुंचते ही ग्राहक उसे हाथो हाथ खरीद ले रहे है। यहा कटंगतरई के किसान खरबुजे की पैदावार अधिक मात्रा मे करते है,उनके द्वारा लगाया गया खरबुजा कई राज्यो मे पहुंच रहा है,इस कारण खरबुजा की डिमांड दिन प्रतिदिन बढते जा रही है। बाजार मे जगह-जगह रसीले खरबुजे बिकते दिखायी दे रहे है,खरबुजा किसानो से लेकर बेचने वाले थोक व्यापारी ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष उम्मीद से अधिक खरबुजा की फसल बाजार मे पहुंची,जिसे बेचकर किसान हाथो हाथ रूपये कमा रहे है,उन्होने बताया कि शुरूवाती सीजन के दौरान खरबुजे की कीमत सौ से अस्सी रूपये तक थी,परंतु खरबुजे के अधिक आवक के बाद यह कीमत 30 से 40 रूपये मे आकर टीक गयी है,इस कीमत को पाकर भी खरबुजे की पैदावार करने वाले किसान बेहद खुश है। उन्होने बताया कि यहा के खरबुजे मे रस एवं मिठास अधिक रहने से ग्राहक इसे मंडी पहुंचते ही हाथो हाथ खरीद लिया जा रहा है,जिसके कारण किसानो को खरबुजे बेचने के लिए मंडी मे ग्राहको का इंतजार नही करना पडता। उन्होने बताया कि यहा के रसीले खरबुजे आस-पास के 50 से भी अधिक गांव व शहरो मे पहुंचाये जाते है,उनका कहना था कि शहर मे रहने वाले लोग किसानो से खरबुजे खरीदकर उसे अपने दूर दराज रहने वाले रिश्तेदारो के यहा भी भेजते है।।
राजधानी मे बनायी पहचान-:यहा के रसीले व मीठे खरबुजे क्षेत्र मे अपना नाम कमाने के बाद दूसरे शहर व राजधानी मे भी मिठास घोल रहे है। बताया जाता है कि राजधानी के बाजार मे पत्थलगांव के खरबुजे के नाम से एक अलग पहचान बनी हुयी है,रायपुर की समता कॉलोनी मे रहने वाले रजत मित्तल ने बताया कि इन दिनो रायपुर की सब्जी मंडी मे पत्थलगांव के खरबुजे की अनेक दुकाने सजी रहती है,जिसमे विक्रेता बकायदा पत्थलगांव के मीठे रसीले खरबुजे बताकर ग्राहको को बेचने का काम करते है।।
धान की फसल के बाद नही था कोई विकल्प-:इन दिनो कटंगतरई,तिलडेगा,दर्रापारा, जोराडोल,कुनकुरी के किसान अपने खेतो मे खीरा,ककडी,तरबुज व रसीले खरबुजो की खेती कर रहे है। कुनकुरी के किसान मोहन साय ने बताया कि मानसून के दौरान धान की फसल लेने के बाद उनके पास कमाई का कोई ओर जरिया नही बच पाता था,परंतु कुछ सालो मे जब से उन्होने खरबुजे की पैदावार करनी शुरू की है,उनकी आर्थिक स्थिती मे भी काफी सुधार आ गया,उनका कहना था कि गर्मी के दौरान खरबुजे की खेती कर अब ये अधिक आय इकटठा कर रहे है।।

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