छत्तीसगढ़

स्कूल में बाल संसद शपथ समारोह का हुआ आयोजन

पत्थलगांव । यहां के सेंट जेवियर्स प्राथमिक एवं पूर्व मा. शाला मे बाल संसद शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था,इस शपथ ग्रहण समारोह के माध्यम से बच्चो के बीच लोकतंत्र की शिक्षा जागृत की जा रही थी। स्कूल प्रबंधक द्वारा सर्वप्रथम स्कूल के नायक अनुराग पन्ना व इंदु केरकेटटा को शपथ दिलायी,उसके पश्चात बाल संसद मे अन्य शाला नायको ने शपथ लिया,जिसमे अनुशासन,स्वास्थ्य,खेल एवं सांस्कृतिक विभाग शामिल थे। लोकतंत्र की शिक्षा पाकर बच्चो मे अलग उत्साह दिख रहा था। स्कूली बच्चो द्वारा अनुशासन मे रहने की भी शपथ ली। स्कूल के प्राचार्य फा.अनुप ने बताया कि स्कूल मे इस प्रकार के आयोजन कराने से बच्चो की पढाई मे रूचि बने रहती है,शनिवार के स्कूली बच्चो के साथ अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जाते है,जिससे बच्चो को अन्य क्षेत्रो की भी बेहतर शिक्षा मिलती है। उन्होने बताया कि बच्चो के शपथ ग्रहण के बाद एक विशेष शाखा हरियाली संघ का भी गु्रप बच्चो के बीच बनाया गया है,जिसके तत्वाधान मे स्कूल परिसर मे सैकडो फलदार,छायादार एवं औषधि युक्त पौधे लगाये गये है। स्कूल के प्राचार्य फा.अनुप ने सभी से अपिल करते हुये कहा कि अपने आस-पास कम से कम दो पौधे सभी को लगाना चाहिये,जिससे वातावरण अनुकुल बना रहे।।
अनुशासन मे रहकर करे काम-स्कूल के प्राचार्य फा.अनुप ने बाल संसद शपथ ग्रहण समारोह मे बच्चो को संबोधित करते हुये कहा कि अनुशासन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अनिवार्य है,चाहे वो विद्यार्थी हो या शिक्षक सभी के जीवन की उन्नति एवं सही दिशा के लिए अनुशासन के साथ जीवन जीना बेहद आवश्यक हैं। प्राचार्य फा.अनुप ने बच्चो को अनुशासन का सही मतलब बताया,उनका कहना था कि अनुशासन का मतलब है ‘नैतिक तरीके से काम करना’। घर के बाद स्कूल हमारा दूसरा स्थान है जहां हम अनुशासन सीखते हैं। अनुशासन मूल रूप से हमारी आधार इच्छाओं का दमन है और अक्सर इसे आत्म संयम और नियंत्रण के समान माना जाता है। उन्होने कहा कि अनुशासन मे रहकर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है,साथ ही जीवन का हर कार्य सरल प्रतीत होता हैं,इसी वजह से विद्यार्थी जीवन में बच्चे को अनुशासन के मध्य रखकर कार्य करना सीखाया जाता हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button