खेल – मनोरंजन

बोपन्ना ने युवा खिलाडिय़ों के लिए खोला मार्ग

लॉन टेनिस- डेविस कप 2023 भारत ने मोरक्को को 4-1 से हराया

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने स्वतंत्रता के पूर्व जिन खेलों में भाग लिया उनमें एथलेटिक्स, हाकी, कुश्ती, टेनिस, फुटबाल, क्रिकेट आदि प्रमुख हैं। भारतीय टेनिस खिलाडिय़ों ने 1921 से डेविस कप में भाग लेने की शुरुवात की थी। अब तक 206 मैच खेलकर 121 में विजयी जबकि 85 में पराजित हुए हैं। भारत की ओर से लिएंडर पेस टेनिस ही नहीं किसी भी अन्य एकल खेल में शतरंज के विश्वनाथन आनंद के साथ भारत के महान खिलाड़ी साबित हुए हैं। डेविस कप के एकल में 50 जीत तथा 19 पराजय के साथ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। युगल में लिएंडर पेस के साथ महेश भूपति की जोड़ी डेविस कप में 25 मैच जीतने 2 मैच हारने का अद्भुत कीर्तिमान बनाया है। डेविस कप में सबसे अधिक लंबे समय अर्थात् 30 वर्षों तक खेलने वाले लिएंडर पेस ही हैं। डेविस कप की शुरुवात 1900 से हुई। इसे टेनिस का विश्व कप भी कह सकते हैं। 2023 के डेविस कप स्पर्धा में भारत ने पहला मैच वल्र्ड ग्रुप एक के प्ले आफ में डेनमार्क (38) के साथ फरवरी में खेला जिसमें उन्हें दुर्भायजनक ढंग से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। अत: भारत को 2023 डेविस कप मुकाबले में लखनऊ भारत में वल्र्ड ग्रुप दो प्ले आफ में मोरक्को से खेलना पड़ा। इसमें भारत ने मोरक्को को 4-1 से हराया। दोनों टीम की तुलना करने से स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय टेनिस सितारों की टीम मोरक्को की टीम से कहीं अधिक मजबूत है। 18 सितम्बर 2023 को डेविस कप की वरीयता सूची में भारत को 39वां जबकि मोरक्को को 57वां स्थान हासिल है। दोनों टीम के डेविस कप प्रतियोगिता के इतिहास पर नजर डालने से स्पष्ट हो जाता है कि मेजबान भारत की टीम मोरक्को से बहुत मजबूत है। हमारे देश ने 1966, 1974 और 1987 में तीन बार डेविस कप के फायनल में जगह बनाई हालांकि तीनों बार वह उपविजेता रही। दूसरी तरफ मोरक्को की टीम 1961 से डेविस कप में भाग ले रही है। वल्र्ड ग्रुप में मोरक्को की 2001, 2002, 2004 में तीन बार विपक्षी टीम से मुठभेड़ हुई परंतु वे पहले ही चक्र में मात खा गये। 2023 के वल्र्ड ग्रुप-2 प्ले आफ में कोट डिलीवरी को 3-1 से पछाड़ा था। इसलिए भारत के विरूद्ध खेलने के हकदार हुए। भारत ने लखनऊ में मोरक्को को 4-1 से यू ही नहीं हराया बल्कि उनसे बेहतर टेनिस खिलाड़ी हमारी टीम में थे। भारत के खिलाडिय़ों की विश्व वरीयता सुमित नागल की एकल में 159, राशि कुमार मुकुंद की एक लमें 407, दिग्विजय सिंह की एकल में 554 है जबकि युगल में रोहन बोपन्ना की 07 तथा युकी भांबरी की 65 है। दूसरी तरफ मोरक्को के खिलाडिय़ों की वरीयता क्रमश: यासीन डलीमी 566, एडम मोंडिर 721, वालिद ओहौडा 1081 है जबकि युगल के खिलाडिय़ों की वरीयता एलीएट बेंचट्रिट 810, युनुस लारोसी की 1018 है। इस प्रकार कागजों में भारत की टीम मजबूत थी और उन्होंने अपना प्रदर्शन दोहराया। डेविस कप के इस मुकाबले के बाद भारत के रोहन बोपन्ना ने सन्यास लेने की घोषणा कर दी। रोहन बोपन्ना का जन्म 4 मार्च 1980 को बेंगलुरू में हुआ था। 43 वर्षीय बोपन्ना ने 2002 में डेविस कप का पहला मैच खेला और पिछले 21 वर्षों में भारत की ओर से उन्होंने 33 मैच भाग लिया। इसमें एकल में 10 मैच जीते 17 हारे, जबकि युगल में 13 मैच जीते 10 में परास्त हुए। खेल चाहे जो भी हो परंतु खिलाडिय़ों को फिटनेस बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। आधुनिक युग में युवाओं की फौज आ गई है। तकनीक और प्रशिक्ष्ज्ञण की सुविधा बढ़ गई है। ऐसी परिस्थिति में अपने आपको मुकाबले के लायक बनाए रखना प्रत्येक खिलाड़ी के लिए चुनौती है। बोपन्ना ने परिस्थितियों को भांपते हुए सही निर्णय लिया है इससे भारत के युवा खिलाडिय़ों को डेविस कप चैंपियनशिप में भाग लेने का द्वार भी खुलेगा।

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