बारह साल से एक ही आंख के भरोसे दुनिया देख रहा हरिशचंद्र
देवभोग । बारह साल पहले शुरू हुई मांस बढऩे की समस्या ने दिन ब दिन इतना बढ़ा रूप ले लिया कि अब हरिशचंद्र अपना एक आंख खो चुका है, जबकि तेजी से बढ़ता हुआ मांस अब दूसरे आंख को भी ढकने की तैयारी में है, आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हरिश्चंद को तत्कालीन बीजेपी सरकार में मदद मिली थी, उस दौरान उसने हैदराबाद में सन 2006 में अपना सर्जरी भी करवाया था, सर्जरी के बाद पांच साल तक राहत मिलने के बाद फिर से मांस तेजी से बढऩे लगा, देखते ही देखते दो साल में मांस ने एक आंख को ढक लिया, अब तेजी से बढ़ रहा मांस दूसरे आंख को भी ढकने की तैयारी में है, आर्थिक रूप से कमजोर हरिश्चंद बड़े अस्पताल में इलाज करवा पाने में असक्षम है, वही बढ़ते मांस ने हरिश्चंद और उसके परिवार की परेशानी बढ़ा दी है।
दर्द ऐसा कि बिना नशा
के नहीं आती नींद
हरिश्चंद बताते है कि पिछले दस सालों से उनके लिए हर रात किसी संघर्ष से कम नहीं है। दिन भर काम के दौरान उन्हें दर्द का अहसास नहीं होता, जैसे ही वे रात को बिस्तर में पहुंचते है, उनका दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, ऐसे में उन्हें हर रात नशा के सहारे गुजारना पड़ता है।
मुखिया जी समझिए
मेरा दर्द
हरिश्चंद्र से समाजसेवी आकाश प्रधान की मुलाकात हुई। इस दौरान आकाश ने जब हरिश्चंद्र से वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी, तो हरिश्चंद्र रो पड़ा। उसने पूरी जानकारी दी, इसके बाद कहा कि उसे हर रात यही चिंता सताती है कि बढ़ता हुआ मांस उसका दूसरा आंख भी ढक लेगा, हरिश्चंद्र रोते हुए कहता है कि छत्तीसगढ़ के मुखिया तो सबके दु:ख दूर कर देते है, ऐसे में मुखिया जी मेरी भी तकलीफ को समझिए और मेरी बढ़ी परेशानी को दूर करते हुए मेरी जिंदगी में उजाले की रोशनी भर दीजिए।
आर्थिक तंगी से नहीं
हो पा रहा इलाज
हरिश्चंद बताता है कि वह मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते है, परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। तीनों की शादी हो चुकी है। आज भी परिवार की जिम्मेदारी हरिश्चंद के कंधे पर है, ऐसे में हरिश्चंद मजदूरी कर परिवार का जीवन यापन कर रहे है। वही आर्थिक तंगी के चलते वे बड़े अस्पताल में इलाज करवा पाने में भी असक्षम है।
वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे: बीएमओ
मामले में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के बीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी ने कहा कि वे वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे, इसके बाद उनका इलाज शुरू किया जाएगा।